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SIR प्रक्रिया में सियासी दल कितने सक्रिय?:भाजपा ने उतारी BLA की फौज, सपा-कांग्रेस के निशाने पर बीएलओ

यूपी में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पर सपा ने सवाल उठाया है। सपा ने इसकी समय अवधि बढ़ाने की मांग की है। ऐसी ही शिकायत कांग्रेस की भी है। आरोप लग रहे हैं कि बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को ट्रेनिंग नहीं दी जा रही। उस पर दबाव बनाकर जबरन फॉर्म सब्मिट पर टिक कराया जा रहा। जिन सीटों पर सपा के समर्थक ज्यादा हैं, वहां से 50-50 हजार लोगों के नाम काटने की साजिश रची जा रही। सपा का दावा है कि ये सारी बातें उनके पीडीए प्रहरी दे रहे हैं। SIR की तमाम खामियां उजागर कर रहे हैं। वहीं, बसपा का कहना है कि फॉर्म घर न पहुंचने की शिकायत आ रही है। लेकिन, BLO तक हमारे कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं और समस्याओं का समाधान हो जा रहा। उधर, भाजपा का कहना है कि फॉर्म भरने में परेशानी आ रही है। इसलिए वे डमी फॉर्म देकर समझा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सच में SIR को लेकर पार्टियां इतनी सक्रिय हैं? जो दिक्कत विपक्षी सपा-कांग्रेस को है, वो भाजपा को क्यों नहीं? बसपा SIR को लेकर इतनी आक्रामक क्यों नहीं दिख रही? जानने के लिए पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले जानिए, क्या है पूरी प्रक्रिया?
SIR के लिए BLO अपने क्षेत्र के मतदाताओं के फॉर्म के 2 प्रिंटआउट निकाल रहे हैं। घर-घर जाकर फॉर्म बांट रहे। फॉर्म भर जाने के बाद एक पर वे अपनी रिसीविंग मतदाता को देंगे। दूसरी कॉपी खुद एप पर अपलोड करेंगे। जिस मतदाता का 2003 के रिकॉर्ड से मिलान हो रहा, उसे कैटेगरी-A में रखा जा रहा। जिसके माता-पिता का मिलान 2003 की मतदाता सूची से हो रहा है, उसे कैटेगरी-B में रखा गया है। जिस मतदाता का रिकॉर्ड 2003 की सूची में नहीं है, उसे कैटेगरी-C में रखा जा रहा। 9 दिसंबर को ड्राफ्ट सूची प्रकाशित होने के बाद ए और बी कैटेगरी के मतदाताओं को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं। वहीं, सी कैटेगरी के मतदाता को चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए 12 दस्तावेजों में से कोई एक दिखाना होगा। इस दौरान जिन लोगों का नाम छूट जाता है, उसे दावे और आपत्तियां करने का अधिकार होगा। ये प्रक्रिया 31 जनवरी, 2026 तक चलेगी। 7 फरवरी को फाइनल ड्राफ्ट प्रकाशित किया जाएगा। SIR के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से बूथ लेवल एजेंट यानी BLA की सूची मांगी थी। जिससे इन्हें ट्रेंड किया जा सके। फिर वे लोग SIR की प्रक्रिया में पार्टी की ओर से अपने वोटर को जागरूक कर सकें। साथ ही BLO और मतदाताओं के बीच में ब्रिज का काम करते हुए जो भी दिक्कत आ रही, उसे दूर कराएं। सबसे ज्यादा भाजपा के बीएलए
SIR प्रक्रिया में भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं की पूरी फौज उतार रखी है। चुनाव आयोग को सबसे अधिक भाजपा के बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) की सूची मिली। दूसरे नंबर पर सपा और तीसरे पर बसपा रही। प्रमुख दलों में सबसे कम बीएलए कांग्रेस ने नियुक्त किए हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, अब तक सभी राजनीतिक दलों ने मिलाकर 3 लाख 85 हजार 799 बीएलए नियुक्त करने की जानकारी दी है। आयोग को सौंपी गई सूची के अनुसार भाजपा ने 1 लाख 56 हजार 15, सपा ने 1 लाख 12 हजार 309, बसपा ने 1 लाख 169 और कांग्रेस ने 16 हजार 538 बीएलए बनाए हैं। इसके अलावा अन्य राजनीतिक दलों सुभासपा, रालोद, निषाद पार्टी और अपना दल ने भी अलग-अलग क्षेत्रों के लिए सीमित संख्या में बीएलए की सूची चुनाव आयोग को सौंपी है। अब जानते हैं SIR को लेकर पार्टियां क्या कर रहीं? भाजपा: डमी फॉर्म से मदद कर रही समाजवादी पार्टी: वीडियो जारी कर फॉर्म भरना सिखा रही बसपा: कार्यकर्ताओं को जनता की मदद में लगाया कांग्रेस: कम बीएलए से मतदाताओं तक पहुंचने का प्रयास सपा को है वोटरों के नाम कटने का खतरा सपा की हर बूथ पर नजर, कैटेगरी सी में रखे जाने पर आपत्ति
चुनाव आयोग को अब तक सबसे अधिक शिकायतें समाजवादी पार्टी की ओर से दी गई हैं। समाजवादी पार्टी ने अपने बीएलए को पीडीए प्रहरी का नाम दिया है। इसके जरिए वे एसआईआर प्रक्रिया में हो रही परेशानी को उच्च स्तर तक पहुंचा रहे हैं। पार्टी मुख्यालय स्तर से इसकी जानकारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पहुंचाई जा रही है। सपा कार्यकर्ता अब ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चला रहे, जहां वे खुद फॉर्म भरने में मदद कर रहे हैं। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि हर बूथ पर नजर रखें। इस बीच, कासगंज में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने एक वीडियो शेयर करते हुए बताया कि जिन लोगों ने फॉर्म जमा कर दिए हैं, उनमें भी घपला किया जा रहा। BLO ज्यादातर फॉर्म में कैटेगरी सी का विकल्प चूज कर रहे हैं। यानी ऐसे लोगों का डाटा 2003 की सूची से मैच नहीं कर रहा। गांधी का कहना है कि जिन लोगों का नाम 2003 की मतदाता सूची में है, उन्हें कैटेगरी ए में रखा जाना है। जिन लोगों के माता-पिता का नाम 2003 की सूची में है, उन्हें कैटेगरी बी में और जिन लोगों के संबंधी का नाम 2003 की सूची में नहीं है, उन्हें कैटेगरी सी में रखा जाएगा। कैटेगरी सी में रहने वालों को दस्तावेजी प्रमाण देना होगा। कासगंज में सभी के फॉर्म कैटेगरी सी में रखे जा रहे। यानी सभी लोगों को अपने दस्तावेजी प्रमाण देने होंगे। चुनाव आयोग का दावा है कि 99.50 फीसदी से अधिक फॉर्म बांटे जा चुके हैं। समाजवादी पार्टी का आरोप है कि ये बीएलओ पर दबाव बनाकर बीएलओ एप में फॉर्म डिस्ट्रीब्यूटेड टिक करा दिया गया है। जबकि वास्तव में बड़ी संख्या में लोगों तक SIR फॉर्म नहीं पहुंचे हैं। सपा का आरोप…वोटर लिस्ट साफ करने का है प्लान
अखिलेश यादव ने भाजपा पर ‘SIR का दुरुपयोग’ करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि मुजफ्फरनगर समेत कई विधानसभाओं में बीएलओ निर्देशों का पालन नहीं कर रहे। इससे सपा समर्थक वोटर प्रभावित हो रहे। पार्टी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत दर्ज कराई है। इसमें 6 विधानसभाओं के बीएलओ को फॉर्म वितरण के लिए निर्देश देने की मांग की गई। अखिलेश यादव का दावा है कि मुस्लिम, दलित और अति पिछड़ा वर्ग के लोग अधिक हैं, उन इलाकों को निशाना बनाया जा रहा है। अब जानिए बाकी राजनीतिक दलों की बात
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री और SIR अभियान के संयोजक गोविंद नारायण शुक्ला का कहना है कि कुछ स्थानों पर एसआईआर भरने में दिक्कत आ रही है। इसलिए पार्टी ने एक डमी फॉर्म बनवाकर दिया है, जिसे देखकर बीएलए और मतदाता अपना फॉर्म भर सकते हैं। उन्होंने बताया कि भाजपा की ओर से जिला स्तर पर सभी बीएलए को एसआईआर की ट्रेनिंग दी गई है। SIR के लिए क्या करना है, इसका एक पत्रक भी पार्टी की ओर से सभी बीएलए को दिया गया है। बीएलओ घर-घर पहुंच रहे हैं। कहीं से भी बीएलओ के घर न पहुंचने की शिकायत नहीं है। बीजेपी ने 1 लाख 56 हजार से अधिक बीएलए बनाए हैं। बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल बताते हैं- बसपा के सभी बीएलओ को पार्टी स्तर पर प्रशिक्षित किया गया है। वो जनता की मदद कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं की ओर से अभी तक कहीं से कोई शिकायत नहीं मिली है। लेकिन, बीएलओ के संबंध में शिकायतें मिल रही हैं। राजनीतिक दलों की शिकायतों पर आयोग का क्या कहना है? मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा बताते हैं कि जो भी शिकायतें आ रही हैं, उनका समाधान किया जा रहा है। यूपी में 4 नवंबर से शुरू हुए विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) से जुड़े सभी अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। यहां 2 करोड़ से अधिक गणना फॉर्म जमा होने के बाद डिजिटाइज्ड किए जा चुके हैं। ——————– ये खबर भी पढ़ें… बाहुबली राजा भैया ने 30 लाख में खरीदा ट्रोजन घोड़ा, फूलों से सजी गाड़ी से धांसू एंट्री यूपी के बाहुबली और प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने नया घोड़ा खरीदा है। इस हाईब्रिड घोड़े का नाम राजा भैया ने ट्रोजन रखा है। जिसकी कीमत 30 लाख रुपए है। इस तरह अब राजा भैया के किले में घोड़ों की संख्या 11 हो गई है। एक-एक घोड़े की कीमत करीब 20 लाख है। ट्रोजन इन सभी में सबसे महंगा घोड़ा है। इसका वीडियो सामने आया है। पढ़ें पूरी खबर


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