संभल के श्रीकल्कि धाम में सात दिवसीय श्रीकल्कि कथा संपन्न होने के बाद कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को श्रीकल्कि धाम के निर्माण की प्रगति रिपोर्ट, विश्व की प्रथम ‘कल्कि कथा’ का प्रसाद और श्रीकल्कि धाम का अंग-वस्त्रम भेंट किया। आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने शुक्रवार को इस मुलाकात की तीन तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा कीं। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि उन्हें भारतीय संसद के प्रधानमंत्री कक्ष में नरेंद्र मोदी से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में श्रीकल्कि धाम की आधारशिला रखी थी, जिसका रास्ता इलाहाबाद हाईकोर्ट से साफ हुआ था। इसके एक वर्ष बाद, 19 फरवरी 2025 को स्थापना दिवस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पूजन किया। श्रीकल्कि धाम में 01 से 07 दिसंबर तक जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने विश्व की पहली कल्कि कथा का वर्णन किया। इस कथा में निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि, जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी, श्री पंचायती आनंद अखाड़ा के महामंडलेश्वर बालकानंद गिरि, श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी और विश्व जागृति मिशन के संस्थापक सुधांशु महाराज सहित कई राजनीतिक हस्तियां शामिल हुईं। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कल्कि अवतार की शास्त्रीय तिथि की घोषणा करते हुए बताया कि कल्कि अवतार वैशाख शुक्ल पक्ष की द्वादशी को अभिजीत मुहूर्त में गांव कम्बोज में होगा। यह गांव माता समुति का मायका बताया जाता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संभल शहर के मोहल्ला कोट पूर्वी में माता अहिल्याबाई होलकर द्वारा जीर्णोद्धार कराया गया प्राचीन श्रीकल्कि विष्णु मंदिर स्थित है, जहाँ श्रावण शुक्ल पक्ष की षष्ठी को जयंती मनाई जाती है। उनकी इस घोषणा के बाद कल्कि अवतार की तिथि और स्थान को लेकर विवाद शुरू हो गया है।
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