भारत ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत श्रीलंका के गम्पहा जिले में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की एक टीम भेजी है। यह टीम वहां राहत और पुनर्वास का कार्य कर रही है। 8वीं बटालियन के कमांडेंट प्रवीण कुमार तिवारी इस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। कमांडेंट तिवारी के नेतृत्व में, NDRF स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर प्रभावित इलाकों में तेजी से काम कर रही है। गम्पहा जिले के कई परिवार हाल की आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जहाँ स्वच्छ पेयजल की कमी एक बड़ी चुनौती बन गई है। आपदा के कारण कई स्थानों पर कुओं में गंदा पानी भर गया है, जिससे पानी पूरी तरह दूषित हो चुका है।इसके परिणामस्वरूप, स्थानीय लोगों को पीने के लिए सुरक्षित पानी उपलब्ध नहीं था, जिससे जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया था। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए, NDRF ने स्वच्छ पानी बहाल करने का एक विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत, टीम कुओं की गहन सफाई कर रही है। गंदा पानी और कीचड़ निकालकर कुओं को फिर से उपयोग योग्य बनाया जा रहा है, जिसके बाद जल शोधन प्रक्रिया द्वारा पीने योग्य पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। NDRF की टीम लगातार इलाके के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर रही है। जहाँ अधिक आवश्यकता है, वहाँ तुरंत अतिरिक्त संसाधन भेजे जा रहे हैं।टीम स्थानीय निकायों, स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ नियमित बैठकें कर कार्यों की समीक्षा कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि इस समय लोगों को तत्काल राहत प्रदान करना और उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी करना सबसे महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से, सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना NDRF की सर्वोच्च प्राथमिकता है।इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि लोग किसी भी जलजनित बीमारी का शिकार न हों। ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत यह प्रयास भारत और श्रीलंका के बीच विश्वास और दोस्ती का एक मजबूत संदेश भी देता है। NDRF का लक्ष्य है कि प्रभावित परिवार जल्द से जल्द सामान्य जीवन में लौट सकें। राहत कार्यों की गति तेज है और आने वाले दिनों में स्थिति में और सुधार की उम्मीद है।
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