गोरखपुर के रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में कॉलेज प्रबंधक के साथ ठगी का मामला सामने आया है। जालसाजों ने अमेरिका की सरकारी एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) में सप्लाई के नाम पर करोड़ों रुपये निवेश कराए। इसके बाद फरार हो गए। रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के इंदिरा गांधी गर्ल्स डिग्री कॉलेज के प्रबंधक अनिल कुमार राय न्यू कालोनी कजाकपुर में रहते हैं। दो साल पहले लखनऊ में उनकी मुलाकात कोलकाता के थाना बारा क्षेत्र निवासी सुकांता बनर्जी से हुई। आरोप है कि सुकांता बनर्जी और उसकी पत्नी शालिनी नासकर ने नासा के स्पेस शटल और न्यूक्लियर एनर्जी में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों, दुर्लभरेडियोधर्मी धातुओं की आपूर्ति और खरीद-फरोख्त के बिजनेस में निवेश करने के लिए कहा। बोला था कि एक रुपए का सौ गुना लाभ मिलेगा। अनिल राय ने बताया कि अधिक लाभ होता देख मेरे साथ कालोनी में रहने वाले पदमाकर त्रिपाठी, राकेश और विजय ने भी एक करोड़ से अधिक रुपये निवेश कर दिए। सुकांता बनर्जी खुद को नासा से संबद्ध एक कंपनी का चीफ कोआर्डिनेटर भी बताया था। रामगढ़ताल पुलिस ने शुक्रवार को कॉलेज प्रबंधक अनिल राय की तहरीर पर सुकांता बनर्जी और उसकी पत्नी शालिनी नासकर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। जेल में बंद है जालसाज रामगढ़ताल थाने की पुलिस ने 11 नवंबर को धोखाधड़ी के ही एक मामले में सुकांता बनर्जी को गिरफ्तार कर जेल भेजवाया है। जेल जाने के बाद उसके और कारनामे सामने आ रहे हैं। थाना प्रभारी नितिन रघुनाथ ने कहा कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी। सिंचाई विभाग के ठेकेदार से भी की थी 80 लाख की ठगी सुकांता बनर्जी ने सिंचाई विभाग के ठेकेदार रामगढ़ताल क्षेत्र निवासी मदन मोहन शुक्ला के साथ भी 80 लाख रुपये की ठगी की थी। मदन मोहन शुक्ला ने बताया- मार्च 2018 के फर्स्ट वीक में मेरे पूर्व परिचित कानपुर निवासी सुरेश रमानी ने कोलकाता के सुकांता बैनर्जी से मुलाकात कराई। सुकांता बैनर्जी ने बताया- हमलोग नास के स्पेस शटल और न्यूक्लियर एनर्जी में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों, दुर्लभरेडियोधर्मी धातुओं की आपूर्ति व खरीद-फरोख्त का बिजनेस करते हैं। इसमे अच्छा फायदा होता है। सुकांता ने खुद को नासा से संबद्ध एक कंपनी का चीफ कोआर्डिनेटर भी बताया। जिससे उसपर विश्वास बढ़ता गया। इस बिजनेस को पूरा करने के लिए सुकांता बैनर्जी व लखनऊ के अमित कुमार नंदी ने महानगर में अपनी एक कंपनी का रजिस्ट्रेशन भी कराया था। सुकांता बनर्जी ने कारोबार से संबंधित अमेरिकन कम्पनी व नासा के कुछ दस्तावेज, पीएम कार्यालय, एक्सिस बैंक व भारतीय रिजर्व बैंक से हुए पत्राचार को दिखाते हुए मुझसे निवेश की बात की। बोला एक रुपये का न्यूतम लाभ 100 रुपये तक मिलेगा। लालच में फंसकर जमा कर दिए रुपये ठेकेदार मदन मोहन शुक्ला ने बताया कि बातों पर विश्वास करके सुकांता बैनर्जी, चंडीचरन अधिकारी व शालिनी नासकर को निवेश के रूप में 80 लाख रुपए दिए। बाद में पता चला कि सुकांता बैनर्जी ने बहुत से लोगों से करोड़ों रुपये ले लिए हैं। आजतक किसी निवेशकर्ता को कोई लाभांश सुकांता बैनर्जी ने नहीं दिया है। इसी बीच पता चला कि सुकांता बैनर्जी ने अपना लखनऊ का निवास बेचकर कोलकाता भाग गया। आरोप लगाया कि सुकांता बैनर्जी,चंडीचरण और शालिनी नासकर और अन्य आरोपी मिलकर अधिक लाभ का लालच देकर जालसाजी करते हैं। देश भर में आरोपियों ने ठगी की घटना की है । सीबीआई में भी की शिकायत ठेकेदार ने बताया कि कई बार भुगतान के लिए सुकांता को काल कर पूछताछ की। कुछ दिन इधर-उधर की बातें कर वह टालता रहा। बाद में बोलने लगा कि जो करना है कर लो, मैं कोई भुगतान नहीं करूंगा।इस भुगतान के संबंध में कोलकाता जाकर सुकान्ता बैनर्जी से मिलने का कई बार प्रयास किया। मुलाकात नहीं हो सकी। 18 महीनों से सुकान्ता बैनर्जी ने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया। ठेकेदार ने सीबीआई मुख्यालय नई दिल्ली में भी जाकर शिकायत की है।
https://ift.tt/xZtsGd0
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply