गाजियाबाद में एमसीए छात्र वतन राणा की संदिग्ध मौत का मामला अब क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है। परिजनों द्वारा हत्या का आरोप लगाए जाने और लगातार विरोध प्रदर्शनों के बाद यह फैसला लिया गया। पहले इस मामले की जांच नंदग्राम थाना पुलिस कर रही थी। क्राइम ब्रांच की टीम अब घटनास्थल, सबूत, बयान और तकनीकी साक्ष्यों की दोबारा पड़ताल करेगी। इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि वतन की मौत आत्महत्या थी या हत्या। ADCP क्राइम पीयूष कुमार ने बताया कि क्राइम ब्रांच हर एक बिंदु पर जांच करेगी, जिसमें दरवाजे की स्थिति और दोस्तों की मौजूदगी शामिल है। उन्होंने जल्द जांच आगे बढ़ाने की बात कही। स्थानीय पुलिस शुरू से ही इस मामले को आत्महत्या मानकर जांच कर रही थी। हालांकि, वतन के परिजनों ने इसे हत्या करार दिया था। परिवार का तर्क था कि जिस घर में वतन का शव मिला, उसका मुख्य दरवाजा बाहर से बंद था, जिससे आत्महत्या संभव नहीं है। इसी विरोधाभास के चलते परिवार और स्थानीय लोगों ने कई बार विरोध प्रदर्शन किए। सैकड़ों की संख्या में परिजन और स्थानीय लोग नंदग्राम थाने के बाहर जमा हो गए और सड़क जाम कर दी। उन्होंने पुलिस पर लापरवाही बरतने और मामले को दबाने का आरोप लगाते हुए नारेबाज़ी की। पुलिस अधिकारियों ने परिवार को आश्वासन दिया कि मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी जाएगी। इस आश्वासन के बाद ही परिजन और भीड़ शांत हुई और सड़क से जाम हटाया गया। यह मामला 26 नवंबर की रात सामने आया था। नंदग्राम के हाउस नंबर E-183 में रहने वाले 21 वर्षीय वतन राणा का शव कमरे में फंदे पर लटका मिला था। घटना के समय घर का दरवाजा बाहर से कुंडी लगाकर बंद था। वतन के माता-पिता रिश्तेदार की शादी में गए थे और बहन अपनी नौकरी पर थी। रिश्तेदारों ने घर पहुंचकर खिड़की से झांककर शव देखा था। परिजन अब उम्मीद कर रहे हैं कि क्राइम ब्रांच की विस्तृत और तकनीकी जांच से सच्चाई सामने आएगी और यह स्पष्ट हो पाएगा कि वतन की मौत आत्महत्या थी या हत्या।
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