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DM के आदेश के बाद भी मनरेगा में फर्जीवाड़ा जारी:17 दिन में 1848 फर्जी मजदूरी, 4.65 लाख रुपये मस्टर रोल में समा गए

सिद्धार्थनगर के नौगढ़ ब्लॉक में मनरेगा घोटाला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। दैनिक भास्कर की पड़ताल में पता चला है कि घोटाले की परतें खुलने के बजाय और मोटी होती जा रही हैं। 30 नवंबर की रिपोर्ट में सामने आया था कि जगदीशपुर राजा गांव में चकरोड को ट्रैक्टर से जुतवाकर 521 मजदूरों की हाजिरी भर दी गई। 17 से 30 नवंबर के बीच 1502 फर्जी मजदूर दिखाकर 3.78 लाख रुपये की निकासी भी कर ली गई थी। अब नया खुलासा बताता है कि DM के आदेश के बाद भी अधिकारियों ने फर्जीवाड़ा जारी रखा। 1 से 4 दिसंबर के बीच जमीन पर सिर्फ 14–15 मजदूर काम करते मिले, लेकिन मस्टर रोल पर 90 से ज्यादा मजदूर दर्ज दिखाए गए। चार दिनों में 346 मजदूरी और जोड़ दी गई। 17 नवंबर से 4 दिसंबर तक फर्जी मजदूरी का आंकड़ा 1848 पर पहुंच गया। भुगतान बढ़कर 4,65,669 रुपये हो गया है। फर्जीवाड़े का नया हथियार: एक फोटो से कई मजदूर
जांच में पता चला कि एक ही मजदूर की फोटो को अलग-अलग एंगल से खींचकर सिस्टम में कई बार अपलोड किया गया। करीब 10 असली मजदूरों की तस्वीरों से कागजों पर सौ से ज्यादा “वर्चुअल मजदूर” तैयार कर दिए गए। फोटो अपलोड से लेकर मस्टर रोल पास होने तक पूरी प्रक्रिया में BDO, APO, लोकपाल और DC मनरेगा की भूमिका बिना सवालों के नहीं छोड़ी जा सकती। जमीन पर मजदूर नहीं, काम सिर्फ ट्रैक्टर से हुआ
ग्रामवासियों ने साफ कहा—काम मजदूरों से नहीं, ट्रैक्टर से कराया गया। गांव में किसी ने भी 80–90 मजदूरों की भीड़ काम करते नहीं देखी। ग्रामीण ‘ऊपर तक सेटिंग’ की खुलेआम चर्चा कर रहे हैं, पर नाम बताने में डर रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल—मस्टर रोल पास कैसे होते रहे?
मस्टर रोल बनना, फोटो अपलोड होना, सत्यापन और भुगतान—हर चरण में जिम्मेदार अधिकारी मौजूद हैं। फिर इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे जारी रह गई? यह सवाल सीधे BDO, APO, लोकपाल और DC मनरेगा की ओर इशारा करता है। DM ने जांच के आदेश दिए थे, लेकिन घोटाला जारी रहा
30 नवंबर की रिपोर्ट के बाद DM शिवशरणप्पा जी.एन. ने जांच समिति बनाने की बात कही थी। मनरेगा लोकपाल ने भी कार्रवाई का भरोसा दिया था।
फिर भी 1 से 4 दिसंबर के बीच फर्जी हाजिरी भरना जारी रहा। साफ है कि ब्लॉक स्तर के अधिकारी DM तक की बात नहीं मान रहे। जिले में बड़ा सवाल—क्यों नहीं रुक रहा भ्रष्टाचार?
लगातार खुलासे, DM के निर्देश, मीडिया रिपोर्टें… फिर भी फर्जीवाड़ा चलता रहा। यह बताता है कि नौगढ़ में मनरेगा का एक संगठित सिंडिकेट काम कर रहा है, जिसे कार्रवाई का कोई डर नहीं। ​​​​​​​


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