दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन रेड रिबन क्लब और एनएसएस की ओर से किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों और आम लोगों में एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाना, संक्रमण की रोकथाम के उपायों को समझाना और इससे जुड़े सामाजिक भ्रांतियों को दूर करना रहा। एम्स के डॉ. अनिल कोपारकर ने दी जानकारी इस दौरान मुख्य वक्ता एम्स के डॉ. अनिल कोपारकर ने पावर-पॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से एचआईवी संक्रमण, इसके लक्षण, इलाज, रोकथाम और नई स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों पर विस्तृत जानकारी दी। जागरूकता और शिक्षा बचाव का सबसे अच्छा माध्यम कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के तौर पर कुलपति प्रो. पूनम टंडन मौजूद रहीं। उन्होंने कहा कि एचआईवी/एड्स से बचाव का सबसे प्रभावी माध्यम जागरूकता और स्वास्थ्य शिक्षा है। उन्होंने युवाओं से जिम्मेदार व्यवहार अपनाने व समाज में जागरूकता फैलाने की अपील की। विशिष्ट अतिथि प्रो. अनुभूति दूबे, पूर्व विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग, ने एड्स के मनोवैज्ञानिक पहलुओं, सामाजिक कलंक तथा जागरूकता के महत्व पर सारगर्भित चर्चा की। कार्यक्रम के विषय का प्रवर्तन डॉ. सत्यपाल सिंह, समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना, द्वारा किया गया। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से संचालित गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। अंत में सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी के डायरेक्टर डॉ. अमित निगम ने किया। कार्यक्रम में डॉ. स्मृति मल्ल, डॉ. सरिता सिंह, डॉ. राजकिशोर, डॉ. गौरी नारायण सिंह, डॉ. विशाल कुमार विश्वकर्मा, डॉ. अभय मुरारी वर्मा, तथा आशीर्वाद जायसवाल, अनुराग गौतम, सिनोबर परवीन, शिखा सिंह, हरिकेश मिश्र सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक और स्वयंसेविकाएं उपस्थित रहीं।
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