लखनऊ के ऐशबाग स्थित डीएवी कॉलेज में मंगलवार को आयोजित गुरु तेग बहादुर सिंह की शहीदी दिवस सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश और समाज के लिए सिख गुरुओं के अद्वितीय बलिदान को याद करते हुए कहा कि यह दिन सिर्फ स्मरण नहीं, बल्कि प्रेरणा का दिवस है। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर, भाई मती दास, भाई सती दास और भाई दयाल जी की शहादत मानवता, धर्म और अस्मिता की रक्षा का अनुपम उदाहरण है, जिसे कोई भी इतिहास कभी धूमिल नहीं कर सकता। मुगल अत्याचार के खिलाफ उठाई थी अविचल आवाज सीएम योगी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर को इसलिए यातनाएँ दी गईं, क्योंकि उस समय मुगल शासन पूरे भारत में इस्लामीकरण की मुहिम चला रहा था। औरंगज़ेब जैसे क्रूर शासक ने तिलक मिटाने और जनेऊ समाप्त करने की मनमानी आरंभ कर दी थी। कश्मीर में अफगान खान द्वारा किए जा रहे अत्याचारों से त्रस्त होकर जब पंडित कृपाराम ने गुरु तेग बहादुर के चरणों में शरण ली, तब धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने स्वयं को बलिदान हेतु प्रस्तुत कर दिया। उन्होंने कहा कि भाई मती दास को आरे से चीर दिया गया, भाई सती दास को रुई में लपेटकर जला दिया गया और भाई दयाल को उबलते पानी में डालकर शहीद किया गया—लेकिन इन सबके बावजूद गुरु तेग बहादुर अपने संकल्प से नहीं डिगे। चार साहबजादों का बलिदान दुनिया में अद्वितीय—एक साथ पिता और पुत्र दोनों शहीद” मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह महाराज के परिवार का बलिदान दुनिया के इतिहास में अतुलनीय है। उन्होंने कहा—“एक ओर वे शहीद पिता के पुत्र हैं, दूसरी ओर शहीद पुत्रों के पिता भी… ऐसा उदाहरण पृथ्वी पर दुर्लभ है।” सीएम ने बताया कि उन्हें अभी-अभी अयोध्या से आने का सौभाग्य मिला है, जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पूर्णता पर मंदिर शिखर पर भगवा ध्वज का आरोहण किया। उन्होंने कहा—“यही वह ध्वज है, जिसकी रक्षा के लिए सिख गुरुओं ने अपनी पीढ़ियाँ समर्पित कीं।” राम जन्मभूमि संघर्ष में भी सिख परंपरा रही अग्रणी योगी ने कहा कि 1510 के आसपास गुरु नानक देव अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के दर्शन के लिए आए थे और बाद में जब 1528 में बाबर ने मंदिर तोड़ा, तो गुरु गोविंद सिंह ने उसके अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद की। उन्होंने याद दिलाया कि 500 वर्षों के राम मंदिर संघर्ष में सिख गुरुओं, निहंगों, संतों, राजाओं, माताओं और सामान्य नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी जानें न्योछावर करने में कभी पीछे नहीं हटे। आस्था की शक्ति से राम मंदिर निर्माण का यज्ञ पूर्ण सीएम योगी ने कहा—“साम्राज्य आए और गए, पीढ़ियाँ बदलीं, लेकिन एक चीज़ स्थायी रही—आस्था। इसी आस्था के बल पर आज देश ने 500 साल बाद राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण पूरा होते देखा है।” उन्होंने कहा कि जैसे राम मंदिर की आस्था अमर रही, वैसे ही गुरु तेग बहादुर और उनके साथियों के बलिदान की ज्योति सदियों बाद भी उतनी ही प्रखर है। वीर बाल दिवस ने साहबजादों की स्मृति को किया अमर सीएम योगी ने बताया कि 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ घोषित करने के बाद गुरु गोविंद सिंह के चार साहबजादों का बलिदान नए युग की चेतना बन गया है। यह दिन हर युवा को यह संदेश देता है कि धर्म, कर्तव्य और राष्ट्र के प्रति समर्पण कभी व्यर्थ नहीं जाता। लखनऊ को प्राप्त है गुरु तेग बहादुर का आशीर्वाद कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ को यह सौभाग्य प्राप्त है कि गुरु तेग बहादुर जी ने यहां कदम रखे थे। उन्होंने कहा—“सत्य को कोई धूमिल नहीं कर सकता। सिख गुरु परंपरा का बलिदान मानवता को सदैव प्रकाश देता रहेगा।”
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