बेल्थरा रोड में 1971 के भारत–पाक युद्ध में शामिल रहे भारतीय सेना के अधिकारी कैप्टन अली हामजा का मंगलवार की शाम लखनऊ स्थित सैनिक अस्पताल में 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन का समाचार मिलते ही बेल्थरा रोड व आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई। बुधवार को उभांव स्थित उनके आवास पर तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर आम दर्शन हेतु रखा गया, जहां बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिक, सामाजिक कार्यकर्ता व ग्रामीण अंतिम दर्शन को पहुंचे। सभी ने पुष्प अर्पित कर उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। कैप्टन अली हामजा वर्ष 1967 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और 1971 के ऐतिहासिक युद्ध में उन्होने साहसिक भूमिका निभाई थी। उनकी प्रतिबद्धता को सैनिक समुदाय हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखता रहा। उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए नायक बृजेश पांडेय ने बताया कि कैप्टन अली हामजा ने क्षेत्र में सैनिक संगठन का गठन किया था तथा सदैव जवानों का मनोबल बढ़ाने व उनकी समस्याओं के समाधान में अग्रणी भूमिका निभाते थे। हाल ही में वे पेसमेकर बदलवाने के लिए लखनऊ सैनिक अस्पताल गए थे, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। वे अपने पीछे पत्नी सलमा बेगम व पांच पुत्रियों रजिया सुल्ताना, सफिया, सालेहा, रफिया सुल्ताना एवं साइमा का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। कैप्टन हामजा को श्रद्धांजलि देने वालों में भूतपूर्व सैनिक कैप्टन महताब सिंह, सुबेदार मेजर सुक्खू राम, रामाधार यादव, अजय कुमार उपाध्याय, सुबेदार सत्य प्रकाश यादव, वशिष्ठ यादव, सवरु मौर्य, एस.के. गुप्ता, श्यामानंद, रंजीत प्रसाद, नंद किशोर, दिनेश यादव, नायक सुबेदार उमाशंकर मौर्य, मायापती पांडेय, उदल प्रसाद मौर्या, देवेन्द्र दूबे, नायक इशरत अली, लालबहादुर शुक्ला, दिनेश यादव रक्षक, बृजेश पांडेय, कमालुद्दीन, गुलाब चंद यादव, लाल बहादुर शुक्ला, रामसरीख यादव, विनोद यादव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण व सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे। कैप्टन अली हामजा का निधन क्षेत्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके जीवन का साहस, सेवा और समर्पण हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।
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