नोएडा एसटीएफ ने बैंकों के साथ 100 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले एक गैंग को पकड़ा है। गैंग के आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया। ये लोग फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक से होम और पर्सनल लोन लेते थे। इनके पास से 126 पास बुक, 170 डेबिट कार्ड 45 आधार कार्ड, 27 पैन कार्ड, 15 आईडी कार्ड , 5 निर्वाचन आयोग के पहचान पत्र, 26 मोबाइल फोन, 3 गाड़ियां और लैपटॉप मिले हैं। इनके पास से 220 बैंक अकाउंट को फ्रीज किया गया है। जिसमें जमा पैसों का आकलन किया जा रहा है। ये गैंग फर्जी प्रोफाइल बनाकर चंडीगढ़ , उत्तराखंड ,दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बिल्डर्स के साथ सांठ गांठ करके बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी से प्रोफाइल फंडिंग भी करा रहे थे। अब तक की जांच में करीब 10 बैंकों से 100 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी मिली है। इनकी पहचान रामकुमार, नितिन जैन, मो0 वसी, शमशाद आलम, इन्द्रकुमार कर्माकर, अनुज यादव, अशोक कुमार उर्फ दीपक जैन, ताहिर हुसैन हुई है। गिरफ्तार अभियुक्त रामकुमार ने पूछताछ पर बताया कि उसकी उम्र लगभग 45 साल है। वह पहले एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक में लोन एक्जुकेटिव के पद पर काम कर चुका है। इसके बाद फर्जी प्रोफाइल तैयार करके लोन कराने का काम करने लग गया। रामकुमार बिल्डरों के साथ मिलकर फर्जी प्रोफाइल तैयार करता और उनके नाम से होम लोन लेता है। जिसमें से कुछ रकम बिल्डर रामकुमार को वापस देता है। रामकुमार ने टीएसए साफ्टवेयर सर्विसेज प्रालि और ट्रिपटेक प्रालि नाम से फर्जी आधार कार्ड बनाकर तैयार किये गये। फर्जी व्यक्ति को डायरेक्टर बनाकर रजिस्ट्रर्ड कंपनी कराई है। इन कंपनियों में फर्जी आधार कार्ड पर बनाये गए। व्यक्ति के बैंक खाते, बैंक कर्मियों के साथ मिली भगत करके खोले और इन कंपनियों में फर्जी रूप से प्रतिमाह सैलरी भेजकर उनकी प्रोफाइल तैयार की। ऐसे प्रोफाइल तैयार किये गये फर्जी व्यक्तियों के नाम से विभिन्न बैंकों से होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिये हैं। पकड़े गए लोगों के अलग अलग काम इन सबके लिए गैंग के लोगों के अलग-अलग कार्य है। मौ० वसी और शमसाद बिहार के ऐसे लोगों को तलाशते थे, जो गल्फ कंट्री में नौकरी करते हैं। इन व्यक्तियों को कुछ पैसे का लालच देकर उनकी प्रोफाइल पर लोन कराकर संपत्ति खरीद लेते हैं। अधिकतर ऐसी संपत्तियां फर्जी व्यक्ति को खड़ा करके खरीदी जाती है। बिल्डर के साथ मिलीभगत करके लोन कराते है। धन को आपस में बांट लेते हैं। गैंग का एक सदस्य अनिल शर्मा, दिल्ली में इसी प्रकार की एक संपत्ति का फर्जी बैनामा करके एलआईसी हाउसिंग से 1.25 करोड़ का लोन लेकर फर्जीवाड़ा करने के आरोप में मार्च-2025 में थाना ईओडब्लू दिल्ली में गिरफ्तार होकर जेल में जा चुका है। इस प्रकार 100 करोड़ से अधिक के लोन के फर्जीवाड़ा के प्रारम्भिक साक्ष्य से पूछताछ एवं दस्तावेजों से प्राप्त हुए हैं। जिसमें उत्तर प्रदेश के नोएडा, लखनऊ एवं बनारस, उत्तरा खण्ड के हरिद्वार, चंडीगढ़, दिल्ली तथा गुरुग्राम के कई बिल्डरों की भी मिलीभगत होना ज्ञात हुआ है। 20 से अधिक मिली शेल कंपनियां गैंग के सदस्य अशोक कुमार, नितिन जैन, कर्माकर, तारिक अनुज आदि ने कई प्रोपराइटर फर्म फर्जी व्यक्तियों के नाम से बना रखी है, जिनमें धोखाधड़ी से प्राप्त धन को साइफनिंग करके ठगों को दिया जाता है। अब तक ऐसी 20 से अधिक शेल फर्मों की जानकारी प्राप्त हुई है जो मनिलॉड्रिंग के लिए प्रयुक्त की जा रही थी। फर्जी प्रोफाइल एवं धन की साइफनिंग के कारण न तो बैंक वास्तविक व्यक्ति तक पहुंच पाता है और यह गैंग पुलिस की पकड़ से भी बचा रहता है। हाईप्रोफाइल और पढ़े लिखे है आरोपी इस गैंग के सदस्य हाईप्रोफाइल रहते हैं। गिरफ्तार राम कुमार एमबीए पास है। वसी, कंपनी सेक्रेटरी (सीएस) व एमबीए पास है। ये कई सालों वर्षों से एक कंपनी में लीगल एवं रिस्क मैनेजर के पद पर कार्य कर रहा है। अन्य गिरफ्तार ठग भी अपनी पहचान छिपाकर फर्जी प्रोफाइल से गैंग के कार्य करते हैं, जिससे उनकी वास्तविक पहचान उजागर नहीं हो पाती है। इनके पास से बरामदगी से ज्ञात हुए लगभग 220 बैंक खातों को फ्रीज कराया गया है।
https://ift.tt/lTqS5kM
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply