सुल्तानपुर में नशीली और प्रतिबंधित दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए औषधि विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई शुरू की है। शासन स्तर की टीम को शहर के गोलाघाट स्थित मेसर्स हिन्दुस्तान मेडिकल एजेंसी (प्रोप्राइटर देवीता कुमारी) में कोडीनयुक्त ‘कोडिवा कफ सिरप’ और ट्रामाडोल तत्व वाली ‘प्यूरोक्सोविन स्पास कैप्सूल’ की संदिग्ध खरीद-बिक्री की शिकायत मिली थी। इस सूचना के आधार पर, सहायक आयुक्त (औषधि) अयोध्या मंडल के निर्देश पर औषधि निरीक्षक राज प्रसाद और उनकी टीम ने 25 अक्टूबर को फर्म पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान फर्म की सक्षम व्यक्ति श्वेता कुमारी भी उपस्थित थीं। टीम को इन दवाओं की खरीद सारांश (Purchase Summary) तो उपलब्ध कराई गई, लेकिन बिक्री से संबंधित कोई बिल या अन्य अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गए। बार-बार मांगने पर भी न तो स्टॉक रजिस्टर मिला और न ही इन नियंत्रित औषधियों की बिक्री का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध कराया गया। दवाओं की खरीद तो दर्शाई गई थी, लेकिन बिक्री का कोई हिसाब न मिलने पर स्थिति संदिग्ध पाई गई। इसके परिणामस्वरूप, औषधि निरीक्षक ने फर्म को इन दवाओं के क्रय-विक्रय पर तत्काल रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया। इसके बाद, 29 अक्टूबर को विभाग ने फर्म को लिखित नोटिस जारी कर 31 अक्टूबर तक सभी संबंधित अभिलेख प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। नोटिस में स्पष्ट चेतावनी दी गई थी कि अभिलेख उपलब्ध न कराने पर फर्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, निर्धारित समय सीमा तक न तो अभिलेख उपलब्ध कराए गए और न ही विभाग को कोई संतोषजनक उत्तर प्राप्त हुआ। इस पूरे प्रकरण में विभागीय जांच रिपोर्ट के आधार पर, औषधि निरीक्षक ने कोतवाली नगर को पत्र भेजकर फर्म के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने का अनुरोध किया है। विभाग का कहना है कि इस प्रकार की दवाओं की बिना रिकॉर्ड बिक्री सीधे तौर पर जनस्वास्थ्य के लिए खतरा है। इनके गैर-चिकित्सीय उपयोग से समाज में नशे की प्रवृत्ति बढ़ती है। इसलिए, नियमों का उल्लंघन करने वाली किसी भी इकाई के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। मामले की जांच जारी है, और पुलिस की कानूनी प्रक्रिया शुरू होने के बाद आगे की कार्रवाई निर्धारित की जाएगी।
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