बरेली में शनिवार को पहुंचे पीठाधीश्वर सच्चिदानंद महाराज ने विवादित बयान देते हुए कहा कि अब अदालतों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। सबको पता है कि मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए अब “एक और कारसेवा” का समय आ गया है। जो चीज हमें नहीं मिले, उसे छीनना आना चाहिए। उन्होंने बताया कि वे जल्द ही सनातन यात्रा निकालने जा रहे हैं, जिसके जरिए भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया जाएगा और बड़े स्तर पर घर वापसी कराई जाएगी। मदरसों पर उन्होंने कहा-सरकार को इन्हें तत्काल बंद कर देना चाहिए। उनका आरोप था कि “इनसे आतंकवादी निकलते हैं। अभी डॉक्टर आतंकवादी निकले हैं, आगे कई IAS और IPS भी निकलेंगे। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में “बड़े पैमाने पर हिंदू युवतियों का ब्रेनवॉश किया जा रहा है। सच्चिदानंद महाराज के इन बयानों को लेकर स्थानीय स्तर पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है और कानून-व्यवस्था को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। अब पढ़िए पूरा इंटरव्यू…. सवाल: आज 6 दिसंबर का दिन है, इसे किस तरह देखते हैं?
जवाब: यह एक ऐतिहासिक पल है, जिसका परिणाम देखने को भी मिला। उन्होंने बताया कि लंबे समय से चला आ रहा संघर्ष आज पूरा हुआ है। 6 दिसंबर के दिन बरेली के नाथ नगरी में एक महत्वपूर्ण कार्य संपन्न हुआ। यहां राष्ट्र सनातन संघ की स्थापना हुई है। सभी युवा साथी मिलकर सनातन के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य करेंगे। हिंदू राष्ट्र के लिए सनातन यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा 7 जनवरी से उत्तराखंड के जागेश्वर धाम से शुरू होगी और पूरे देश में जाएगी। इसमें देशभर के साधु-संत शामिल होंगे। सवाल: आप हिंदू राष्ट्र बनाने की बात करते हैं, कैसे हिंदू राष्ट्र बनाएंगे?
जवाब: हिंदू राष्ट्र अब तक बन जाना चाहिए था। पूरे विश्व के अंदर 60 से अधिक इस्लामिक देश हैं, क्रिश्चियन के 100 से अधिक देश हैं। भारत में ही नहीं, पूरे संसार में 150 करोड़ से अधिक सनातनी रहते हैं। थोड़ी सी संख्या इस्लाम की ज्यादा है, बहुत ज्यादा अंतर नहीं है, लेकिन उनके पास 60 देश हो सकते हैं। क्या इतनी बड़ी संख्या पर एक हिंदू राष्ट्र बनाने में किसी को आपत्ति होनी चाहिए। उन लोगों को भी विचार करना चाहिए जो इसका विरोध कर रहे हैं कि यह हिंदू राष्ट्र होना चाहिए। 1947 में एक धर्म के नाम पर इस देश का बंटवारा हो गया। या तो धर्म के नाम पर नहीं बंटता, विचारों के नाम पर बंटता तो कोई दिक्कत नहीं थी। जब एक बंटवारा होता है धर्म के नाम पर, जैसे ही वह दूसरा देश बनाया जाता है, वह इस्लामिक देश हो जाता है। बांग्लादेश भी इस्लामिक हो जाता है, सब इस्लामिक हो जाते हैं। लेकिन भारत में हिंदू राष्ट्र न बनाना, उस समय के जो भी रणनीतिकार रहे हों, उनकी जो विचारधारा थी, वह कहीं न कहीं दुर्भाग्यपूर्ण थी। उन्होंने बहुत बड़ी त्रुटि की है, जिसे आज तक सनातनी हिंदू झेल रहा है। इसलिए अभी नहीं तो कभी नहीं की लड़ाई है। अगर अभी हिंदू राष्ट्र नहीं बना तो कभी नहीं बन सकता। अभी जो सरकारें हैं, वो हिंदू की बात करती हैं, सनातन की बात करती हैं, तो हमें हिंदू राष्ट्र चाहिए और होना चाहिए, क्योंकि 150 करोड़ से अधिक हिंदू की आबादी पूरे विश्व के अंदर है, तो एक राष्ट्र हिंदू राष्ट्र क्यों नहीं हो सकता। सवाल: दिल्ली ब्लास्ट में डॉक्टर आतंकवादी पकड़े गए?
जवाब: हम एक भारत शुद्धिकरण यात्रा निकालने जा रहे हैं। जो डॉक्टर आतंकवादी पकड़े गए, यह सोच कहां से बन रही है? क्योंकि बहुत सी चीजें ऐसी हैं जो अभी मीडिया के बीच में नहीं आई हैं। हम इसको बहुत समय से कह रहे थे। डॉक्टर ही नहीं, आईएएस और आईपीएस भी अभी थोड़े दिन में उनके भी चेहरे सामने आने जा रहे हैं। महाराष्ट्र से एक लड़की गायब होती है, कई दिन बाद वह मिलती है। उसके माता-पिता उससे बात करते हैं, उसे बचाने का प्रयास करते हैं, लेकिन वे लोग एक प्लानिंग के साथ उसे दिल्ली शिफ्ट करते हैं। दिल्ली के अंदर एक ऐसा कोचिंग चल रहा है, जहां हिंदू लड़कियों का पूरा माइंड वॉश किया जा रहा है और उन्हें आईएएस-आईपीएस बनाने की तैयारी चल रही है। कई बनकर आ भी चुके हैं। सरकार को गंभीरता से इस पर चिंतन करना होगा, देखना होगा कि उनके विचार क्या हैं। अभी हाल ही में एक ऐसे नेता का नाम आया, जो पहले आईपीएस थे। आज बंगाल की बात चल रही है। बंगाल में उन्होंने खुलकर कह दिया कि मैं बाबर की मस्जिद बनाने जा रहा हूं। वह एक अधिकारी होने के बाद आज राजनीतिज्ञ बना, तो उसके विचार ऐसे कैसे हुए? बहुत बड़े षड्यंत्र चल रहे हैं। हिंदुओं और सनातनियों को अभी तक छला गया है, ठगा गया है, उनसे कपट किया गया है। अब नहीं हो सकता। अब सब सनातनी जाग रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि धर्म का जो ठेका था, धर्म का प्रचार हम लोग करते थे, लेकिन अब हम भी मठ-मंदिर छोड़कर सड़कों पर आ चुके हैं। अब सभी सनातनी और संत मिलकर आगे बढ़ रहे हैं। पहले संत नहीं निकलते थे, अब संत सड़कों पर हैं। एक युवा संत पंडित धीरेंद्र शास्त्री भी निकले हैं, जो हिंदू राष्ट्र की मांग करते हुए जगह-जगह घूम रहे हैं। हम सब लोग पद यात्रा निकाल रहे हैं। पूरे देश में निकलेंगे कि हिंदू राष्ट्र बनाकर रहेंगे। सवाल: अक्सर धर्मगुरुओं और कुछ नेताओं से सुनने में आता है कि भारत के कई राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गया है?
जवाब: हम लोग राष्ट्रहित की बात करते हैं। जब भी हिंदू की बात आएगी… ‘हम दो, हमारे दो’ का नारा जब सरकारों ने दिया, तो हिंदू ने सबसे पहले इसे स्वीकार कर लिया। क्योंकि लगा कि भारत का क्षेत्रफल तो बढ़ने वाला नहीं है, भूमि नहीं बढ़ेगी। अगर जनसंख्या बढ़ेगी तो आवासीय दबाव बढ़ेगा, जल का दोहन होगा, पृथ्वी का दोहन होगा और इसके दुष्परिणाम भविष्य में देखने को मिलेंगे। इसलिए जनसंख्या नियंत्रण के लिए हमने तुरंत उस बात को स्वीकार कर लिया। लेकिन मुसलमानों ने एक प्लानिंग के तहत काम किया। उनका दिमाग हमेशा राष्ट्र पर कब्जा करने की सोच के साथ चलता है। हमारी संख्या कम हो रही थी और इसी बात को लेकर हम लोग सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाए। मुसलमानों को नियंत्रित किया जाना चाहिए। अब समय आ चुका है, सरकार को कठोर कदम उठाने पड़ेंगे। सवाल: क्या सरकार अच्छा कार्य कर रही है?
जवाब: केवल तीन तलाक खत्म होने से हिंदुओं को कोई फायदा नहीं हुआ। तीन तलाक का फायदा मुस्लिम महिलाओं को हुआ है। जितनी भी योजनाएं आई हैं, उनका फायदा भी मुसलमानों को ही हुआ है। 370 खत्म होने का फायदा भी किसी हिंदू को नहीं मिला। वहां किसी हिंदू को प्लॉट नहीं मिला। यह बहुत चिंतन का विषय है। सरकार अच्छा कार्य कर रही है। सरकार उनका भला भी करे तो हमारा भला भी करे। अब हिंदू अपने हिसाब से मांग कर रहा है। इसलिए हम सब लोग एक बड़ी यात्रा भारत शुद्धिकरण यात्रा की तैयारी कर रहे हैं। इसी के जरिए हम यह मांग करने जा रहे हैं कि अब भारत किसी भी अशुद्ध कार्य को न सहन करेगा और न ही मा भारती की भूमि को अशुद्ध होने देगा। इसे शुद्ध कराना ही हम सबका संकल्प है। यही संकल्प लेकर हम सब सड़कों पर आ चुके हैं। सवाल: मदरसों को लेकर आप क्या सोचते हैं?
जवाब: मदरसों को तत्काल प्रभाव से बंद कर देना चाहिए। मदरसे ही हैं जो डॉक्टर आतंकवादी पैदा कर रहे हैं। मदरसे ही हैं जो इंजीनियर को आतंकवादी बना रहे हैं। मदरसे ही हैं जो वकील को आतंकवादी बना रहे हैं। मदरसे ही हैं जो वैज्ञानिक को आतंकवादी बना रहे हैं। मदरसे ही हैं जो प्रोफेसर को आतंकवादी बना रहे हैं। न मदरसे रहेंगे और न ही आतंकवादी बनकर निकलकर आएंगे। क्योंकि हम भी कई मुसलमानों के साथ बैठते हैं। बहुत से लोग इन जिहादियों से दूर रहते हैं। तबलीगी जमात भारत के अंदर दिल्ली में अड्डा बना हुआ है। इसे नौ देशों ने बैन कर रखा है और वे भी सारे इस्लामिक देश हैं। वे देश जानते हैं कि यह लोग उनके देश को बिगाड़ देंगे। भारत में ही इन्हें बर्दाश्त किया जा रहा है। यह तबलीगी जमात मदरसों को टारगेट करती है और मदरसों में जो शिक्षा दी जाती है, वह नफरत की शिक्षा होती है। पहले से ही ‘काफिर काफिर’ कहा जाता है, जबकि हम लोगों से ज्यादा ईश्वर को मानने वाला कौन है। सनातन हमेशा प्रेम और सद्भावना की बात करता है। हम मारने काटने की बात नहीं करते। लेकिन हाँ, हमारी चीजें जो हमसे छीनी गईं, हमारे जितने धर्मरक्षक थे, महापुरुष थे, या हमारे देवी‑देवताओं को देख लें, उन सबके हाथ में शस्त्र होते हैं। उसका कारण यह है कि अगर धर्म और राष्ट्र पर आंच आती है तो हमें शस्त्र के साथ‑साथ शास्त्रों का अध्ययन भी करना चाहिए। बीच के समय में यह सब बंद कर दिया गया। हमारे गुरुकुल बंद कर दिए गए। गुरुकुलों को पुनः स्थापित किया जाए और मदरसों को बंद किया जाए, परिवर्तन अपने‑आप देखने को मिल जाएगा। सवाल: क्या भारत शुद्धिकरण यात्रा के जरिए घर वापसी भी करवाई जाएगी?
जवाब: भारत शुद्धिकरण यात्रा का संकल्प यही है कि सबसे पहले भारत को जिहाद मुक्त करना है। जिहादी मानसिकता के नाम पर उन्होंने जो नफरत फैलाने का काम किया है, इसे हमें समाप्त करना है। भारत को शुद्ध करने के लिए इस यात्रा में पूरे भारत में जितने भी नाम रखे गए हैं, जिनके कारण आज भी हमें लगता है कि हम कहीं न कहीं मुगलई शासकों के बीच में रह रहे हैं, उनके नामों का परिवर्तन करने की मांग भी हमारी सरकार से है। भारत की राजधानी दिल्ली, इंद्रप्रस्थ, दोबारा बननी चाहिए। मा भारती जो कष्ट झेल रही है, उसे खत्म करना है। सनातन धर्म एक ऐसा धर्म है कि जब हम घर बनाने के लिए गड्ढा खोदते हैं, तो सबसे पहले भूमि पूजन करते हैं। हम धरती, गंगा, गाय को मा के रूप में पूजते हैं। हम सबको बचाने का प्रयास कर रहे हैं और यह सब समाप्त करने का काम कर रहे हैं। इस शुद्धिकरण यात्रा में हर घर और आंगन में जाकर सनातन की संस्कृति, संस्कार और परंपराएं, जिन्हें हमसे छीना गया था, उन्हें पुनः स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है। सवाल: राम मंदिर बन गया, अब कृष्ण जन्मभूमि को लेकर क्या करने जा रहे हैं?
जवाब: बेकार में सरकार से मांगते हो। अदालत में जाते हो, कितनी अजीब घटना है इस देश के अंदर। हम सब अगर इतिहास को पढ़ें तो इतिहास चीख‑चीख कर कह रहा है कि भारत अपार शक्तियों का देश है। यहां भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण ने जन्म लिया। यह भूमि भगवान की भूमि है और हम अपनी ही भूमि मांगने के लिए अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं। हमने कहा था कि पहला हथौड़ा हम मारेंगे। भगवान की कृपा रही कि 6 दिसंबर के दिन मैं और मेरा भाई अयोध्या में थे। मेरे भाई के पैर में गोली लगी थी। मैंने उस दिन भी बाबरी पर हथौड़ा मारा था। हम लोगों ने सरयू कैसे पार की थी, कितना दंश झेला था। यह सब इतिहास है। हम कृष्ण नगरी में कहकर आए हैं कि बार‑बार मत मांगो। जब मांगने से न मिले तो छीनने का कार्य करो। यह हमारा देश है, हमारा राष्ट्र है, और हम अपने ही राष्ट्र में काफिर कहे जा रहे हैं। इससे बड़ी शर्म और क्या हो सकती है। अदालतें अपना फैसला शीघ्र सुनाएं, और अगर नहीं सुनाएंगी तो अब हम लेना भी जानते हैं। जैसे राम मंदिर लिया है, वैसे ही कृष्ण भूमि भी ले लेंगे। सवाल: क्या मथुरा में भी सनातन यात्रा जाएगी?
जवाब: सनातन यात्रा मथुरा जन्मभूमि भी जाएगी। हम वृंदावन से दिल्ली तक यात्रा लेकर जा रहे हैं। यह हमारा आखिरी अल्टीमेटम होगा। अब या तो शीघ्र निर्णय हो, वरना हमारा निर्णय निश्चित है। मंदिर के साथ उस मस्जिद के शिखर को देखकर हमारे तन‑बदन में आग लग जाती है, अब वह देखा नहीं जाता। वह गुंबद हटाना जरूरी है। वहां भगवान का शिखर होना चाहिए, वहां भगवा झंडा लहराना चाहिए। जल्द ही वहां भगवा झंडा लहराएगा। अब समय आ गया है कि एक कार सेवा और हो।
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