हापुड़ में वायु गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, जिले का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 344 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। देर शाम और रात में प्रदूषण स्तर में अचानक वृद्धि देखी गई, जिससे अधिकतम AQI 473 तक पहुंच गया। यह स्तर ‘गंभीर श्रेणी’ में आता है और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय है। बढ़ते प्रदूषण का सीधा असर लोगों की दिनचर्या पर पड़ रहा है। शहर में सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन, गले में खराश और सीने में भारीपन जैसी शिकायतें बढ़ गई हैं। जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों में सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। डॉक्टर पराग शर्मा के अनुसार, लंबे समय तक उच्च AQI का स्तर बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और पहले से सांस की बीमारी से ग्रस्त लोगों के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकता है। प्रदूषण के लगातार बढ़ते स्तर को देखते हुए शहरवासियों ने भी एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बाजारों में एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री में तेजी आई है। कई दुकानों, कार्यालयों और घरों में लोग वायु को स्वच्छ करने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग कर रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक दुकानों पर एयर प्यूरीफायर की मांग इतनी बढ़ गई है कि कई मॉडल आउट ऑफ स्टॉक हो गए हैं। लोग अपने बच्चों और बुजुर्गों को अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से रोक रहे हैं, और केवल आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकल रहे हैं। अशोक शर्मा ने बताया कि वह प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का उपयोग कर रहे है। साथ ही दुकान और घर पर एयर प्यूरीफायर लगवाया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि प्रदूषण से बचने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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