लखीमपुर खीरी में देर रात हाथियों के झुंड ने किसान पर हमला कर दिया। गन्ना खाने से रोकने पर गुस्साए हाथियों ने सिर को पैरों कुचल दिया। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हाथी के पांव के नीचे आकर कान-नाक और मुंह से खून निकल गया। जुबान कटकर बाहर लटक गई। शव की ऐसी हालत देख ग्रामीणों की रूह कांप गई। सोमवार शाम खेतों की रखवाली के लिए दो साथियों के साथ गए थे। खेत के किनारे चौकसी कर रहे थे कि अचानक अंधेरे में घास की सरसराहट और भारी पैरों की आवाज सुनाई दी। टॉर्च की रोशनी पड़ते ही सामने 10–12 हाथियों का झुंड खड़ा था। किसान घबराए, लेकिन झुंड को भगाने की कोशिश शुरू कर दी। इसपर गुस्साए हाथियों के झुंड ने उनपर हमला बोल दिया। दो साथी वहां से भाग निकले वहीं। एक को हाथियों ने कुचलकर मार डाला। किसानों का कहना है- रात-दिन खेत की रखवाली करनी पड़ रही है। डर है कि फसल बचाएं या जान। ग्राम प्रधान सुक्खा सिंह ने बताया कि हाथियों की समस्या को लेकर वन विभाग से कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर विभाग समय पर सक्रिय होता, तो आज ये हादसा न होता। पहले देखें 3 तस्वीरें… अब विस्तार से जानें पूरा मामला हादसा लखीमपुर-खीरी से 90 किलोमीटर दूर पलिया में हुआ है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मझगई वन रेंज के ग्राम चौखड़ाफार्म के गन्ने के खेत में रात करीब 1 बजे हाथियों के झुंड ने 45 वर्षीय किसान रामबहादुर बेरहमी से कुचलकर मार डाला। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। शाम करीब 7 बजे रामबहादुर अपने साथियों-लालता और सुशील-के साथ खेत की रखवाली करने पहुंचे थे। इलाके में कई दिनों से हाथियों का आतंक चला आ रहा था, इसलिए किसान रात में भी खेत नहीं छोड़ रहे थे। जैसे ही तीनों ने हाथियों को भगाने के लिए शोर मचाया, हाथी अचानक हमलावर हो गए। लालता और सुशील किसी तरह किनारे भागकर जान बचाने में सफल हो गए, लेकिन रामबहादुर झुंड के बीच फंस गए। कुछ ही सेकेंड में हाथियों ने उन्हें कुचल दिया। शोर सुनकर गांव के लोग दौड़े, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। घटना की खबर गांव पहुंचते ही चीख-पुकार मच गई।
मृतक रामबहादुर के चार बच्चे हैं। दो बेटे हैं बड़े बेटे उमेश की शादी हो चुकी है। छोटा बेटा मुकेश पिता के साथ मजदूरी करता था। दो बेटियां क्रांति और शांति दोनों की शादी हो चुकी है। परिजनों ने बताया कि रामबहादुर रोज की तरह खेत की रखवाली करने गए थे। किसी ने सोचा भी नहीं था कि आज मौत उनके साथ लौटेगी। स्थानीय किसानों ने बताया कि पिछले 10–12 दिनों से हाथियों के झुंड लगातार खेतों में घुसकर फसलें रौंद रहे हैं। गन्ने, धान और गेहूं की फसल बर्बाद कर रहे हैं। नेपाल की ओर से हाथियों की मूवमेंट बढ़ी दुधवा नेशनल पार्क फील्ड डायरेक्टर एच. राजामोहन ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा- रात में हाथियों के हमले से एक किसान की मौत की सूचना मिली है। तीन लोग खेत में थे, झुंड को भगाने की कोशिश की गई, लेकिन वह हमला कर बैठा। इस बार नेपाल की ओर से आए हाथियों की मूवमेंट बढ़ी है, इसलिए घटनाएं ज्यादा हो रही हैं। उन्होंने बताया कि वन विभाग ने एक विशेष टीम बनाई है, जो सूचना मिलते ही हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने का काम कर रही है। घटना के बाद ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। उनका कहना है कि हर बार हाथियों को खदेड़ने की ‘कोशिश’ का दावा किया जाता है, लेकिन हाथी फिर लौट आते हैं। किसानों की मांग है कि, गांव में रात में पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। हाथियों की मूवमेंट पर ड्रोन निगरानी हो। पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए। स्थायी समाधान के लिए वन विभाग ठोस योजना बनाए। 2018 में भी हाथियों ने ली थी एक जान दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में हाथियों के हमले की घटना कोई पहली घटना नई नहीं हैं। वर्ष 2018 में भी लुधौरी वन रेंज के बंगलहा तकिया जंगल में हाथियों के झुंड ने ग्रामीणों पर हमला कर एक किसान की जान ले ली थी, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जानकारी के अनुसार, दरेरी निवासी नत्था का 14 वर्षीय पुत्र दिलीप, 45 वर्षीय सोबरन, 34 वर्षीय रामपाल और प्रसादपुरवा के 32 वर्षीय रामसेनही जंगल में सेंठा निकाल रहे थे। अचानक तीन हाथियों का झुंड वहां पहुंचा और ग्रामीणों पर हमला कर दिया। सभी को गंभीर चोटें आईं। मौके पर मौजूद बाचर हरिओम ने तुरंत लुधौरी रेंजर को सूचना दी, जिसके बाद वन विभाग की टीम घायलों को लेकर सीएचसी पहुंची। इसी बीच झुंड से बिछड़ा एक हाथी बंगलहा तकिया गांव की ओर पहुंच गया। खेत में चारा लेने गए बंगलहा राज निवासी 60 वर्षीय रामेश्वर पर उसने हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल रामेश्वर ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। इसके बाद हाथी ने दूसरे खेत में काम कर रहे 58 वर्षीय गोपी को भी घायल कर दिया। हाथियों का आतंक यहीं नहीं रुका। जोगेंद्र सिंह फौजी जब बाइक से गुजर रहे थे, तब हाथी ने उन पर भी हमला कर उन्हें घायल कर दिया। साथ ही लवकुश और पंकज की खेत में खड़ी साइकिलों को भी कुचल दिया था। ———————————— ये खबर भी पढ़ें… महिला सिपाही से इश्क करते थे इंस्पेक्टर, कहा- रुको वरना गोली मार लूंगा, मीनाक्षी बोली- मार लो जालौन के इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय (46) की मौत की गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं पाई है। इस बीच इंस्पेक्टर की मौत से पहले महिला कॉन्स्टेबल मीनाक्षी शर्मा से झगड़े की बात सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, महिला सिपाही से इंस्पेक्टर का अफेयर चल रहा था। झगड़े की शुरुआत मीनाक्षी के बर्थडे के दिन (2 दिसंबर) से शुरू हुई थी। पढ़ें पूरी खबर…
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