DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

‘हसनपुर रियासत’ में अब एक घोड़े की कीमत लाखों में:पूर्व राजा मसूद अली इसे बेचने को तैयार नहीं, कभी 40-50 घोड़े होते थे बंधे

सुल्तानपुर स्थित हसनपुर रियासत, जो कभी दर्जनों घोड़ों के लिए जानी जाती थी, अब उसके दरवाज़े पर केवल एक घोड़ा ‘नोहरा’ बंधा है। सफेद रंग के इस घोड़े को खरीदने के लिए लोग आ रहे हैं, लेकिन रियासत के अंतिम राजा कुंवर मसूद अली खान इसे बेचने को तैयार नहीं हैं। कुंवर मसूद अली खान ने बताया कि उनके पिता रियासत के अंतिम शासक थे, जिनकी ज़मींदारी 1952 में समाप्त हो गई थी। उन्होंने अपनी वंशावली का उल्लेख करते हुए कहा कि वे पृथ्वीराज चौहान के वंशज हैं और मूल रूप से बजगोठी ठाकुर थे। 1526 में बाबर से युद्ध के बाद उन्होंने इस्लाम स्वीकार किया था। 1857 में, उनके पूर्वजों ने 700 सैनिकों के साथ अंग्रेजों से युद्ध किया, जिसमें एक कर्नल फ़िसरमैन को मार गिराया गया। उन्होंने 45 किलोमीटर तक अंग्रेजों का पीछा कर सुल्तानपुर से फैजाबाद को आज़ाद कराया था। कुंवर मसूद अली खान के अनुसार, उनके दादा राजा अली खान ने गवर्नर से मिलकर देश सेवा का अवसर मांगा था, जिसके बाद उन्हें लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त किया गया था और उन्होंने बिना वेतन के देश की सेवा की। कुंवर मसूद अली खान ने बताया कि घोड़ा रियासत के दरवाज़े की शान होता है। उनके यहां कभी 40-50 घोड़े हुआ करते थे, लेकिन अब कम से कम एक घोड़ा रखना आवश्यक है। यह घोड़ा विशेष रूप से उनके धार्मिक कार्यक्रमों के लिए रखा गया है, जिसका उपयोग साल में लगभग दो महीने होता है और बाकी समय यह स्वतंत्र रहता है। नोहरा को 65 हज़ार रुपये में खरीदा गया था। कुछ खरीदारों ने इसकी कीमत ढाई से तीन लाख रुपये तक लगाई है, लेकिन कुंवर मसूद अली खान ने उन्हें यह कहकर मना कर दिया कि वे घोड़ों के व्यापारी नहीं हैं। हाल ही में नोहरा कुछ बीमार पड़ गया था, जिससे वह कमज़ोर हो गया था, लेकिन अब उसका इलाज चल रहा है और वह फिर से तंदुरुस्त हो रहा है। कुंवर मसूद अली खान ने सरकार से किसी भी तरह के सहयोग न मिलने की शिकायत की।


https://ift.tt/a7JXKh0

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *