हरदोई में एक दशक पुराने हत्या और मारपीट से जुड़े मामले में अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश कुसुम लता ने बुधवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। अदालत ने मुख्य मामले में दो सगे भाइयों और पिता-पुत्र समेत चार आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास तथा 32-32 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। इसी घटना से संबंधित क्रास केस में दो अभियुक्तों को तीन-तीन वर्ष का कारावास और 7-7 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया है। यह मामला थाना पिहानी क्षेत्र के ग्राम रनिया मऊ से संबंधित है। वादी अरुण पुत्र विद्यासागर के अनुसार, घटना 25 मई 2013 की है। उस दिन उनके पिता विद्यासागर और भाई नन्हे व अमित खेत की सिंचाई कर रहे थे। तभी मेढ़ विवाद को लेकर विपक्षी कल्लू सिंह पुत्र रामऔतार, रामवीर सिंह, रामकिशोर सिंह उर्फ करिया पुत्र गाना रामबाबू और रामऔतार पुत्र रामेश्वर खेत पर पहुंचे। गवाहों के आधार पर फैसला आरोपियों ने गाली-गलौज शुरू कर दी। जब उन्हें मना किया गया, तो उन्होंने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। बाद में जान से मारने की नीयत से अवैध असलहे से फायर भी किया गया। गोली लगने से वादी के पिता और भाइयों को गंभीर चोटें आईं। इलाज के दौरान भाई अमित की मौत हो गई थी। दूसरी ओर, इसी घटना में अभियुक्त कल्लू सिंह ने भी एक क्रास केस दर्ज कराया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि सिंचाई के विवाद को लेकर विद्यासागर, नन्हे और अमित ने उसके पिता व रिश्तेदार पर हमला किया और उन पर भी फायर किया था। दोनों मामलों की विस्तृत सुनवाई, गवाहों के बयान और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया। मुख्य मुकदमे में गंभीर धाराओं के तहत चारों आरोपियों को आजीवन कारावास दिया गया, जबकि क्रास केस में विद्यासागर और नन्हे को 3 वर्ष का कारावास और अर्थदंड से दंडित किया गया।
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