सुल्तानपुर के लंभुआ ब्लॉक की पिलखनी ग्राम पंचायत में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगा है। ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव पर दूसरे ग्राम पंचायत के बिल-वाउचर अपलोड कर लाखों रुपये का भुगतान करने का आरोप है। शिकायतकर्ता ने स्ट्रीट लाइट भुगतान और हैंडपंप मरम्मत-रिबोर में भी अनियमितता का दावा किया है। शिकायतकर्ता विजय बहादुर सिंह के अनुसार, पिलखनी ग्राम पंचायत में बरुआ उत्तरी गांव के बिल-वाउचर ऑनलाइन अपलोड कर भुगतान किया गया। यह उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 और ग्राम पंचायत वित्त एवं लेखा नियमावली 2011 का सीधा उल्लंघन है। नियमानुसार, कोई भी ग्राम पंचायत केवल अपने क्षेत्र के स्वीकृत कार्यों का ही भुगतान कर सकती है। आरोप है कि ग्राम प्रधान ने अपने पति के नाम पर हैंडपंप रिबोर दिखाकर भुगतान कराया, जबकि मौके पर कोई कार्य नहीं हुआ। इसे हितों के टकराव और शासनादेशों का उल्लंघन बताया गया है। इसके अलावा, तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा स्ट्रीट लाइट भुगतान पर रोक लगाए जाने के बावजूद ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव ने लाखों रुपये का भुगतान कर दिया। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि मानिक राम और दयाराम के घर नाली व इंटरलॉकिंग निर्माण के नाम पर एक ही बिल-वाउचर और मास्टर रोल से दो बार भुगतान किया गया। दावा है कि या तो कार्य हुआ ही नहीं था, या पहले ही कराया जा चुका था। इसे ‘बिल एक—भुगतान दो’ का मामला कहा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, पंचायत सचिव राजबहादुर पूर्व में मोतिगरपुर ब्लॉक में भ्रष्टाचार के एक मामले में निलंबित रह चुके हैं। बहाली के बाद लंभुआ में तैनाती के दौरान उन पर फिर से गंभीर आरोप लगे हैं। जिला पंचायत राज अधिकारी अभिषेक शुक्ला ने मामले का संज्ञान लिया है और प्राथमिक जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आरोप सही पाए जाने पर ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन, रिकवरी और एफआईआर तक शामिल हो सकती है।
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