सुल्तानपुर में अन्नदाता किसान यूनियन ने सोमवार को तिकोनिया पार्क में प्रदर्शन किया। इस दौरान यूनियन ने जिलाधिकारी को संबोधित 12 सूत्रीय मांग पत्र सिटी मजिस्ट्रेट प्रीति जैन को सौंपा। किसानों ने आरोप लगाया कि जिला और कृषि प्रशासन डीएपी उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित करने में विफल रहा है, जो शासन की मंशा के विपरीत है। उन्होंने रबी फसलों जैसे गेहूं और सरसों की सिंचाई के समय बाजार और साधन सहकारी समितियों से यूरिया के गायब होने का मुद्दा भी उठाया। यूनियन ने इसकी तत्काल आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की। मांग पत्र में धान विपणन के लिए लेखपालों द्वारा अभिलेख सत्यापन में बरती जा रही लापरवाही पर चिंता व्यक्त की गई। यूनियन ने संबंधित लेखपालों को इस कार्य को शीघ्रता से पूरा करने का निर्देश देने की मांग की। इसके अतिरिक्त, किसानों ने नहरों में सिल्ट सफाई का कार्य गुणवत्तापूर्ण तरीके से कराने की मांग की। उन्होंने तहसीलों में खतौनी की नकल जारी करने के लिए प्रति गाटा 30 रुपये की अवैध वसूली पर रोक लगाने की भी अपील की। यूनियन ने चकबंदी अधिकारी प्रथम सुल्तानपुर के कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग की। साथ ही, राजस्व अभिलेखागार जनपद सुल्तानपुर में भ्रष्टाचार की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया गया। मांग पत्र में जिले के मोतिगरपुर, कादीपुर और जयसिंहपुर सहित कई थानों में मुकदमा दर्ज करने के लिए पैसे मांगने का आरोप लगाया गया। यूनियन ने यह भी कहा कि लगभग सभी थानों में क्रॉस एफआईआर लिखने की परंपरा आम हो गई है, जिससे पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। इन मामलों की जांच कर कार्रवाई की मांग की गई। अन्नदाता किसान यूनियन ने 7 नवंबर, को दिए गए पिछले मांग पत्र के निस्तारण की भी मांग की। इसके अलावा, जनपद के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ठंड से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था करने की अपील की गई। यूनियन ने सदर तहसील कार्यालय में कायदा 23 पर दर्ज खतौनी के कंप्यूटराइजेशन कार्य में लापरवाही और अवैध वसूली का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की।
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