लखनऊ के कैसरबाग थाने में शुक्रवार को सिस्का एलईडी लाइट कंपनी के दो निदेशकों के खिलाफ 5 करोड़ 57 लाख रुपये की ठगी का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव के आदेश पर की गई। पुलिस के मुताबिक, प्रमोद टेलीकॉम कंपनी के मालिक ध्रुव चंद्रा ने शिकायत में बताया कि उनकी कंपनी का कार्यालय कैसरबाग के गौतमबुद्ध मार्ग पर स्थित है। कंपनी टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का कारोबार करती है। वर्ष 2018 में प्रमोद टेलीकॉम और सिस्का कंपनी के बीच कारोबार को लेकर एमओयू साइन हुआ था। इस दौरान फाइनेंस के लिए यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक का चयन किया गया था। ध्रुव चंद्रा का आरोप है कि बैंक से ली गई रकम को तय समय पर लौटाने की जिम्मेदारी सिस्का कंपनी की थी। वर्ष 2023 तक सिस्का के निदेशक राजेश जीवन उत्तम चंदानी और गोविंद उत्तम चंदानी ने कारोबार सही ढंग से किया, लेकिन बाद में उन्होंने बैंक की रकम चुकाने से आनाकानी शुरू कर दी। इसके चलते बैंक का करीब 3 करोड़ 51 लाख 83 हजार रुपये बकाया हो गया। पीड़ित का कहना है कि बैंक की ओर से लगातार दबाव और नोटिस मिलने लगे, जबकि रकम सिस्का कंपनी के निदेशकों को लौटानी थी। मजबूरी में ध्रुव चंद्रा ने किसी तरह बैंक का बकाया चुकाया। इसके बावजूद सिस्का के निदेशकों ने उनसे करीब 2 करोड़ 5 लाख रुपये का माल भी ले लिया। आरोप है कि भुगतान के बदले निदेशकों ने 5 करोड़ रुपये के चेक दिए, जो बैंक में जमा करने पर बाउंस हो गए। पीड़ित जब बकाया रकम और माल का भुगतान मांगने महाराष्ट्र के पुणे स्थित सिस्का कंपनी के कार्यालय पहुंचा, तो वहां उसके साथ मारपीट की गई। लखनऊ लौटने के बाद पीड़ित ने डीसीपी पश्चिम से शिकायत की, जिसके बाद कैसरबाग थाने में केस दर्ज कराया गया। एसीपी कैसरबाग रत्नेश सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
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