सिद्धार्थनगर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गौ संरक्षण निर्देशों के बावजूद जमीनी हकीकत अलग दिखी। जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन के सेमनार गौशाला के औचक निरीक्षण में प्रशासनिक लापरवाही सामने आई। निरीक्षण में पाया गया कि गौशाला में मौजूद 57 गौवंश के लिए चारे की कोई व्यवस्था नहीं थी। न हरा चारा उपलब्ध था और न ही सूखा चारा। गौशाला लगभग खाली मिली, जो मुख्यमंत्री के गौशालाओं में नियमित चारा और सुविधाएं सुनिश्चित करने के स्पष्ट निर्देशों का उल्लंघन है। जिलाधिकारी ने तत्काल अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद सिद्धार्थनगर को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के बार-बार निर्देशों के बावजूद गौशाला में चारे का न होना गंभीर लापरवाही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह भी सामने आया कि पशु चिकित्सा अधिकारी ने लंबे समय से गौशाला का निरीक्षण नहीं किया था। जिलाधिकारी ने उनसे तत्काल स्पष्टीकरण मांगा है और संकेत दिया कि जिम्मेदारी तय होने पर कार्रवाई की जाएगी। गौवंशों के स्वास्थ्य, टीकाकरण और पानी की व्यवस्था भी उपेक्षित पाई गई। समय पर टीकाकरण नहीं हुआ था और सफाई की स्थिति भी संतोषजनक नहीं थी। यह स्थिति प्रशासन के व्यवस्था दुरुस्त होने के दावों के विपरीत है। स्थानीय लोगों ने इस पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि गौशाला के लिए हर साल भारी बजट दिखाया जाता है, लेकिन चारे की व्यवस्था न होना शर्मनाक है।
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