अपनी सुरीली आवाज से लाखों दिलों को जीतने वाले मशहूर सिंगर जुबिन नौटियाल बुधवार को धार्मिक नगरी वृंदावन पहुंचे। जुबिन नौटियाल ने केलि कुंज आश्रम में संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। आश्रम में चल रहे सत्संग के दौरान जब जुबिन ने ‘श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा गाया’, तो माहौल भक्ति रस से भर उठा। उनकी मधुर आवाज सुनकर संत प्रेमानंद महाराज भी मंत्रमुग्ध हो गए।भक्तों ने इसे दिव्य और यादगार पल बताया। भजन के बाद जुबिन नौटियाल और संत प्रेमानंद महाराज के बीच आध्यात्मिक चर्चा हुई। जुबिन ने महाराज जी से जीवन और संगीत में आध्यात्मिकता के महत्व पर मार्गदर्शन लिया। संत प्रेमानंद महाराज ने उन्हें स्नेहपूर्वक आशीर्वाद दिया। ब्रजभूमि से जुबिन का विशेष लगाव जुबिन नौटियाल न सिर्फ एक सफल गायक हैं, बल्कि गहरे धार्मिक विचारों वाले व्यक्ति भी हैं। ब्रजभूमि उन्हें विशेष लगाव है। वह अक्सर वृंदावन आते रहते हैं। अपने इस दौरे पर भी उन्होंने ब्रज के प्रमुख मंदिरों, जैसे बांके बिहारी जी, राधा वल्लभ जी और राधा रमण जी के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की। जुबिन नौटियाल का गायन करियर जितना सफल रहा है, उतना ही उनका रुझान आध्यात्मिक शांति की ओर भी रहा है। उनका यह वृंदावन दौरा न केवल एक गायक का संत से मिलना था, बल्कि कला और आध्यात्म के मिलन का एक सुंदर उदाहरण भी पेश करता है। हमेशा से आध्यात्मिक शांति की ओर रुझान रहा सिंगर जुबिन नौटियाल ने संगीत के जरिए अच्छा मुकाम हासिल किया है। उनका रुझान हमेशा से आध्यात्मिक शांति की ओर भी रहा है। वृंदावन का यह दौरा उनके लिए केवल एक गायक का संत से मिलना नहीं रहा, बल्कि कला और आध्यात्म के सुंदर संगम का उदाहरण बन गया। संत प्रेमानंद महाराज से भेंट, मंदिर दर्शन और भजन-कीर्तन इन सबने जुबिन की इस यात्रा को एक दिव्य अनुभव में बदल दिया। आश्रम में मौजूद लोगों का कहना है कि जुबिन की आवाज में भक्ति और भाव दोनों एक साथ बहते हैं, यही उन्हें खास बनाता है।
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