गाजियाबाद के साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में एक अधूरा पुल सैकड़ों मजदूरों, महिलाओं और बच्चों के लिए खतरा बन गया है। कड़कड़ गांव और झंडापुर के निवासी रोज़गार, स्कूल और अन्य आवश्यक कार्यों के लिए हर दिन जान जोखिम में डालकर एक खतरनाक नाले को पार करने को मजबूर हैं। नाले पर पक्का पुल न होने के कारण लोग पानी की एक पाइपलाइन के ऊपर से होकर औद्योगिक क्षेत्र तक पहुंचते हैं। यह पाइपलाइन गोल, संकरी और फिसलन भरी है, जिस पर चलना बेहद खतरनाक है। सुबह और शाम के समय इस रास्ते पर भारी भीड़ रहती है। स्थानीय निवासी लक्ष्मी ने बताया कि वे कई महीनों से इसी जोखिम भरे रास्ते का उपयोग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सुबह और शाम लगभग 50 से अधिक लोग एक साथ पाइपलाइन पर चढ़ जाते हैं, जिससे धक्का लगने और गिरने का डर बना रहता है। एक अन्य स्थानीय निवासी दया के अनुसार, इस रास्ते से प्रतिदिन लगभग 1500 लोग गुजरते हैं। दया ने बताया कि एक बार चलते समय उनका मोबाइल फोन नाले में गिर गया था, जिसके बाद उन्हें नया फोन खरीदना पड़ा। उनकी मासिक आय 7,000 रुपये है। यदि वे इस रास्ते का उपयोग नहीं करते, तो उन्हें रोज़ाना 40 रुपये किराया देना पड़ता है और यात्रा में लगभग आधा घंटा अतिरिक्त समय भी लगता है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में नाले पर पुल निर्माण का कार्य UPSIDA और सेतु निगम द्वारा कई महीनों से चल रहा है, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो सका है। इस मामले में UPSIDA के डीजीएम आर.एस. यादव ने बताया कि उक्त पुल का निर्माण कार्य अप्रैल 2025 में शुरू किया गया था और यह लगभग मार्च 2026 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा के लिहाज से पानी की पाइपलाइन के ऊपर से न जाने के लिए चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। आर.एस. यादव के अनुसार, विभाग की कोशिश है कि काम में तेजी लाकर जल्द से जल्द पुल तैयार कर लोगों को सुरक्षित आवागमन की सुविधा दी जाए।
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