लखीमपुर खीरी में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत कार्यक्रम आयोजन के लिए टेंडर प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेज लगाने का मामला सामने आया है। अभिलेख सत्यापन के दौरान गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने आजमगढ़ की एक फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। फर्म की 1,34,400 रुपये की धरोहर राशि (ईएमडी) भी जब्त कर ली गई है। मेसर्स मां विंध्यवासिनी ट्रेडर्स, जलालपुर नामक इस फर्म ने जेम पोर्टल पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह के आयोजन हेतु टेंडर डाला था। फर्म ने इसके साथ कानपुर नगर के खंड विकास अधिकारी, घाटमपुर के नाम से वित्तीय वर्ष 2022-23 का एक अनुभव प्रमाणपत्र अपलोड किया था। इस प्रमाणपत्र के सत्यापन के लिए इसे जिला समाज कल्याण अधिकारी, कानपुर नगर को भेजा गया। जांच में कई अनियमितताएं सामने आईं। पता चला कि फर्म का चयन वर्ष 2024-25 में कानपुर नगर में आयोजन के लिए किया गया था और कार्यक्रमों का प्रदर्शन संतोषजनक न होने पर उसके भुगतान में 10 प्रतिशत की कटौती भी की गई थी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि फर्म द्वारा प्रस्तुत अनुभव प्रमाणपत्र न तो जारी किया गया था और न ही उस पर किए गए हस्ताक्षर वास्तविक थे। सत्यापन रिपोर्ट मिलने के बाद जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने स्पष्ट किया कि कूटरचित दस्तावेज लगाकर निविदा प्राप्त करना पूरी तरह से गैर-कानूनी है। इसी आधार पर फर्म को तत्काल प्रभाव से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। यह कार्रवाई टेंडर फाइनल होने से पहले ही की गई, क्योंकि अभिलेख सत्यापन में ही यह गड़बड़ी उजागर हो गई थी। इस संबंध में पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।
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