बागपत पहुंची साध्वी प्राची ने मदरसा शिक्षा, मौलाना महमूद मदनी के बयानों, आतंकवाद, राम मंदिर और सीएए/एनआरसी (SIR) जैसे मुद्दों पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में मदरसे बंद होने चाहिए, क्योंकि इससे ही देश से आतंकवाद खत्म होगा। साध्वी प्राची ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर सहित तमाम मदरसों की प्रदेश और केंद्र सरकार से जांच कराने की मांग की। उन्होंने दिल्ली में हुए एक ब्लास्ट में शामिल महिला का हवाला देते हुए मदरसों में कथित तौर पर आतंकवाद की ट्रेनिंग दिए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने मौलाना महमूद मदनी के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि मौलाना देश में बयानबाजी कर गृह युद्ध जैसे हालात पैदा करना चाहते हैं। साध्वी प्राची ने सवाल उठाया कि जब देश में ‘एक देश, एक संविधान’ है,तो फिर शिक्षा दो तरह की क्यों होनी चाहिए? उन्होंने मदरसों को बंद करने की वकालत की। मौलाना महमूद मदनी के मुस्लिम पार्षद बनने वाले बयान पर भी साध्वी प्राची ने पलटवार किया। उन्होंने मौलाना से पूछा कि 56मुस्लिम देशों में कितने हिंदुओं को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कुलपति बनाया गया है। इसके विपरीत,उन्होंने भारत में अब्दुल कलाम आजाद,आरिफ मोहम्मद खान और हामिद अंसारी जैसे मुस्लिम नेताओं को उच्च पद देकर सम्मान दिए जाने का उल्लेख किया। साध्वी प्राची ने एक मौलाना द्वारा देश में बाबर के नाम पर मस्जिद बनाने की बात पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब देश के किसी भी कोने में बाबर के नाम से कोई मस्जिद नहीं बनेगी, क्योंकि हिंदुस्तानी अब जाग चुके हैं और वे ऐसी किसी मस्जिद के निर्माण की अनुमति नहीं देंगे। राम मंदिर पर भगवा ध्वज फहराने के विपक्षियों के बयान पर साध्वी प्राची ने कहा कि जिनके पूर्वज बाबर थे, उन्हें ही राम मंदिर निर्माण से तकलीफ हो रही है। उन्होंने राम मंदिर पर भगवा ध्वज लहराना गर्व की बात बताया। सीएए/एनआरसी (SIR) को लेकर उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में रहने वाले हर व्यक्ति का वोट बनना चाहिए, जबकि घुसपैठियों को देश से बाहर कर देना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सीएए/एनआरसी देश में होकर रहेगा,क्योंकि यह देश कोई धर्मशाला नहीं है,बल्कि हिंदुस्तान है और इसमें केवल हिंदुस्तानी ही रहेंगे।
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