बागपत के एक युवक को कंबोडिया में साइबर बंधक (साइबर स्लेवरी) से मुक्त कराकर सुरक्षित भारत वापस लाया गया है। साइबर क्राइम सेल की त्वरित कार्रवाई और सतर्कता के कारण यह संभव हो पाया। युवक को नौकरी दिलाने के बहाने विदेशी गैंग कंबोडिया ले गए थे, जहाँ उसे जबरन ऑनलाइन फ्रॉड सेंटर में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था। पीड़ित के परिजनों ने मामले की सूचना साइबर क्राइम सेल को दी, जिसके बाद तुरंत जांच शुरू की गई। जांच में युवक की लोकेशन कंबोडिया के एक संदिग्ध कैंप में होने की पुष्टि हुई। इसके बाद बागपत थाना की साइबर टीम ने यह मामला गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) को भेजा। I4C ने भारतीय दूतावास, कंबोडिया के साथ समन्वय स्थापित किया और युवक को बंधन से मुक्त कराने की प्रक्रिया शुरू की। कई दिनों तक लगातार संपर्क, दस्तावेजी सत्यापन और स्थानीय एजेंसियों के सहयोग से युवक को विदेशी गैंग के चंगुल से छुड़ाया गया। भारतीय दूतावास ने युवक को अपनी सुरक्षित कस्टडी में लिया। इसके बाद उसके यात्रा दस्तावेज तैयार किए गए और उसे विशेष निगरानी में भारत भेजा गया। भारत पहुँचने पर साइबर क्राइम सेल ने युवक का बयान दर्ज किया और उसे उसके परिवार को सौंप दिया। अधिकारियों के अनुसार, युवक से मामले से जुड़े गिरोह, भर्ती नेटवर्क और दलालों के बारे में विस्तृत जानकारी ली जा रही है। इसका उद्देश्य इस तरह की मानव तस्करी और साइबर स्लेवरी में शामिल अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क पर कड़ी कार्रवाई करना है। साइबर क्राइम सेल ने आम जनता को चेतावनी दी है कि वे विदेश में उच्च वेतन वाली नौकरी का झांसा देने वाले अनजान एजेंटों से सावधान रहें। किसी भी नौकरी के प्रस्ताव की सत्यता सरकारी पोर्टल या संबंधित दूतावास से अवश्य जाँच लें। इस सफल अभियान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर त्वरित समन्वय की एक महत्वपूर्ण मिसाल माना जा रहा है।
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