मुजफ्फरनगर के समाजसेवी और आरटीआई एक्टिविस्ट विकास बालियान ने सहारा समूह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सहारा ने 13 करोड़ निवेशकों की रकम से देशभर के 217 शहरों में खरीदी गई हजारों एकड़ जमीन फर्जी तरीके से बेचकर पैसा विदेश भेजा। उन्होंने इसे बड़ा वित्तीय घोटाला बताया। बालियान ने मुजफ्फरनगर में 212.51 एकड़ भूमि सौदों को लेकर सहारा की शैल कंपनियों पर सवाल उठाए। इन कंपनियों की अधिकृत पूँजी मात्र ₹1–1 लाख थी, जबकि करोड़ों रुपए की जमीन खरीदी और बेची गई। खतौली तहसील में तीन मुंबई स्थित कंपनियों—योगी रियलिटी एंड फाइनेंस, यशोमित्रा स्टेट एंड रीयल्टी और यश डेवलपमेंट एंड रीयल्टी—के नाम सामने आए। मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी कंपनियों की आशंका बालियान का कहना है कि ये तीनों कंपनियां आपस में जुड़ी हुई हैं और एक ही प्रबंधन के तहत संचालित होती हैं। अंतिम बैलेंस शीट और AGM रिकॉर्ड 2022–2024 उपलब्ध नहीं हैं। सवाल उठता है कि करोड़ों रुपए कहां गए। उन्होंने रजिस्ट्रार, ईडी, इनकम टैक्स, सेबी और ईओडब्ल्यू से जांच की मांग की है। न्यू मैक्स प्रोजेक्ट पर प्रशासनिक पक्षपात बालियान ने मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण पर भी सवाल उठाए। न्यू मैक्स रियल कौन और लुटियंस पीपीएल प्रोजेक्ट में अधिकारी पक्षपात कर रहे हैं। महिला किसान की शिकायत के बावजूद नक्शा पास किया गया, और ट्रांसफर नीति के बावजूद अधिशासी अभियंता विनीत अग्रवाल को वहीं तैनात रखा गया। परियोजना और पारदर्शिता पर सवाल बालियान का कहना है कि न्यू मैक्स परियोजनाओं के निर्माण और नक्शा पास होने की प्रक्रिया संदिग्ध है। अन्य कॉलोनियों पर त्वरित रोक और कार्रवाई होती है, लेकिन न्यू मैक्स पर नरमी क्यों? उन्होंने प्रशासनिक पारदर्शिता और परियोजना हित की रक्षा के नाम पर सवाल उठाए। विकास बालियान की मांग इस पूरे मामले को बालियान ने केवल वित्तीय घोटाला नहीं, बल्कि निवेशकों के धन के रूट डायवर्जन और प्रशासनिक पक्षपात का गंभीर संकेत बताया।
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