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सहारनपुर में HIV से 12 साल में 723 मौतें:26 थर्ड जेंडर और 142 बच्चे भी संक्रमित, इस साल 315 पॉजिटिव मिले

सहारनपुर में HIV संक्रमितों का लगातार केस बढ़ रहे हैं। अब तक 2,824 HIV पॉजिटिव मरीज एआरटी सेंटर में इलाज करा रहे हैं। इनमें 1,739 पुरुष, 917 महिलाएं, 142 बच्चे और 26 थर्ड जेंडर संक्रमित शामिल हैं। साल 2025 में 315 नए HIV पॉजिटिव मरीज दर्ज किए गए हैं, जिनमें 234 पुरुष, 68 महिलाएं, 1 थर्ड जेंडर, और 12 बच्चे (जिनमें 4 लड़के और 8 लड़कियां) शामिल हैं। पिछले 12 सालों में 723 HIV पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है। 2024 तक 2618 HIV संक्रमित मरीज थे
NACO के आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में HIV संक्रमित मरीजों की संख्या 2,618 थी, जबकि 2023 में 1,931 थे। इनमें 139 बच्चे भी संक्रमित पाए गए थे। एड्स से प्रभावित मरीजों में सबसे अधिक संख्या पुरुषों की है। कुल मरीजों में 1,584 पुरुष और 867 महिलाएं शामिल हैं। इस बार विश्व एड्स दिवस की थीम ‘व्यवधान पर विजय, एड्स प्रत्युत्तर में सुधार’ रखी गई है। 11 बच्चे भी मिले HIV से संक्रमित
ART (एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर के आंकड़ों के अनुसार जनवरी से नवंबर 2024 तक 304 नए एड्स मरीज मिले हैं। इनमें 212 पुरुष, 80 महिलाएं और 1 थर्ड जेंडर शामिल है। इसके अलावा 11 बच्चे भी संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें 6 लड़के और 5 लड़कियां हैं। बच्चों की आयु 1 से 14 वर्ष के बीच है। स्वास्थ्य विभाग की तरह से चलाए जा रहे हैं जागरूकता अभियान
स्वास्थ्य विभाग की लगातार कोशिशों के बावजूद सहारनपुर में एड्स मरीजों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। शासन की ओर से कई सुविधाएं और जागरूकता अभियान चलाए जाने के बाद भी संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चिंताजनक पहलू यह है कि स्त्री-पुरुष और बच्चों के साथ अब थर्ड जेंडर भी बड़ी संख्या में एड्स की चपेट में आ रहे हैं। 350 से ज्यादा मरीजों की हो चुकी है मौत
सहारनपुर में कुल 28 थर्ड जेंडर ऐसे हैं, जिनकी जांच में HIV संक्रमण की पुष्टि हुई है। ART सेंटर में इन सभी का रिकॉर्ड दर्ज है। पिछले 5 सालों में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ें हैं। इस दौरान 350 से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है। इलाज के दौरान अब तक 262 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें 98 मरीज ऐसे थे, जिन्होंने केवल एक बार ही दवा ली और उसके बाद उनकी मृत्यु हो गई। इसके अलावा एड्स से 9 बच्चे की भी मौत हो चुकी है। पुरुषों में अधिक फैल रहा एड्स
महिलाओं की तुलना में पुरुषों में एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम) तेजी से फैल रहा है। जागरूकता अभियान पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद एड्स के मामलों में कमी नहीं आ रही है। एआरटी (एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर में वर्तमान में 2,618 मरीज रजिस्टर्ड हैं। इनमें 1,584 पुरुष, 867 महिलाएं, 139 बच्चे और 28 थर्ड जेंडर शामिल हैं।
वायरस लोड मापने की मशीन लगी
सहारनपुर जिला अस्पताल में साल 2013 में ART सेंटर की शुरुआत हुई थी। पहले यहां से मरीजों को मेरठ मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया जाता था। हालांकि CD4 जांच के लिए मरीजों को बाद में भी मेरठ भेजा जाता था। लेकिन अब जिला अस्पताल में ही CD4 मशीन स्थापित कर दी गई है। यह हैं पुराने आंकडे
सहारनपुर के जिला अस्पताल के एआरटी सेंटर से मिले आंकड़ों के अनुसार, 2013-14 में 145 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। इनमें से 140 मरीजों को दवा दी गई। 43 मरीज टीबी और एड्स से संक्रमित मिले। 16 गर्भवती महिलाएं भी पाई गई थीं। इलाज के दौरान 29 मरीजों की मौत हो गई। 2014-15 में 470 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ। इनमें से 251 मरीजों को दवा दी गई। 43 टीबी और एड्स के मरीज मिले, 15 गर्भवती महिलाएं निकलीं और 42 एड्स मरीजों की इलाज के दौरान मौत हुई। इसी तरह 2015-16 में 227 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ। इनमें से 177 का इलाज चला। 57 टीबी और एड्स के मरीज मिले। 19 गर्भवती महिलाएं मिलीं और 61 मरीजों की मौत हुई। साल 2017 में 75 मरीजों की हुई मौत
साल 2016-17 में 293 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया। इनमें 271 मरीजों को दवा दी गई। 70 टीबी और एड्स के मरीज मिले, 39 गर्भवती महिलाएं निकलीं, जबकि 75 मरीजों की मौत हुई। साल 2017-18 में 350 रजिस्ट्रेशन दर्ज किए गए, जिसमें 344 मरीजों का इलाज चला। 75 मरीजों को टीबी और एड्स की पुष्टि हुई, 29 गर्भवती महिलाएं मिलीं और 57 मरीजों की मौत हुई। साल 2019-20 में 255 रजिस्ट्रेशन किए गए। इनमें 225 मरीजों को दवा दी गई, 32 मरीज टीबी और एड्स से संक्रमित मिले, 28 गर्भवती महिलाएं मिलीं और 65 मरीजों की मौत हुई। लॉकडाउन के समय बढ़े HIV के बढ़े मरीज
साल 2022-23 में एआरटी (एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर में 2800 मरीजों का रजिस्ट्रेशन दर्ज किया गया। इनमें 1800 पुरुष, 894 महिलाएं, 70 बच्चे और 36 थर्ड जेंडर शामिल थे। लॉकडाउन से पहले यानी 2019 में कुल एड्स मरीजों की संख्या 1396 थी, लेकिन यह बढ़कर 2800 तक पहुंच गई। इसका कारण यह था कि दूसरे राज्यों में काम करने वाले लोग महामारी के दौरान अपने घर लौटे और परेशानी होने पर उन्होंने जांच कराई, जिसके बाद उन्हें दवा देनी पड़ी। लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी मरीजों की संख्या कम नहीं हुई है। 2023 में अब तक 231 नए एचआईवी संक्रमित मरीज मिले हैं। इनमें 156 पुरुष, 63 महिलाएं और 12 बच्चे शामिल हैं। वहीं नए और पुराने मिलाकर कुल 1931 मरीजों का उपचार एआरटी सेंटर में चल रहा है। इनमें 1135 महिलाएं, 675 पुरुष, 21 थर्ड जेंडर और 107 बच्चे शामिल हैं। एचआईवी के लक्षण ऐसे फैलता है संक्रमण एचआईवी से बचाव के उपाय ———————- ये खबर भी पढ़िए- SIR से तंग BLO सुसाइड से पहले फूट-फूटकर रोया: मुरादाबाद में फंदे से लटका, लिखा- 4 बेटियां हैं…जीना चाहता हूं, काम नहीं कर पा रहा यूपी के मुरादाबाद में टीचर BLO ने सुसाइड कर लिया। रविवार सुबह उनका शव कमरे में फंदे से लटका मिला। शव देखकर परिवार में कोहराम मच गया। टीचर सर्वेश सिंह (46) ने जान देने से पहले बेसिक शिक्षा अधिकारी के नाम 3 पेज का सुसाइड नोट लिखा। इसमें SIR से परेशान होने की बात लिखी। नोट में उन्होंने लिखा- रात-दिन काम करता रहा। फिर भी SIR का टारगेट हासिल नहीं कर पा रहा हूं। रात बहुत मुश्किल और चिंता में कटती है। सिर्फ 2 से 3 घंटे सो पा रहा हूं। 4 बेटियां हैं, 2 की तबीयत कई दिनों से खराब है। पढ़ें पूरी खबर…


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