सहारनपुर के रामपुर मनिहारान थाना क्षेत्र में एक नवविवाहिता की संदिग्ध मौत के मामले में बुधवार शाम परिजनों और ग्रामीणों ने कोतवाली पर धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन आरोपियों की गिरफ्तारी न होने के विरोध में किया गया। दो दिन पहले विवाहिता दीपांशी का शव फांसी पर लटका मिला था। परिजनों ने आरोप लगाया कि घटना को तीन दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस ने नामजद आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक गिरफ्तारी नहीं होती, धरना जारी रहेगा। पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। बाद में कोतवाली प्रभारी राधेश्याम यादव ने धरना स्थल पर पहुंचकर जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ। दीपांशी की शादी वर्ष 2024 में गांव कल्लरपुर निवासी विशाल एडवोकेट से हुई थी। दीपांशी गांव सिंहखेड़ा निवासी चरणसिंह की बेटी थी। विशाल के पिता राजेंद्र कुमार सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा हैं और बिजनौर में तैनात हैं। परिजनों का आरोप है कि शादी के बाद से ही दीपांशी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। मृतका के परिजनों ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि शादी में अपनी हैसियत के अनुसार कार और अन्य दान-दहेज दिया गया था। इसके बावजूद पति, ससुर और सास द्वारा स्कॉर्पियो गाड़ी की मांग को लेकर दीपांशी को लगातार मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा था। प्रताड़ना से तंग आकर दीपांशी कुछ समय पहले मायके आ गई थी। पंचायत के बाद उसे ससुराल वापस भेजा गया, लेकिन वहां फिर से दहेज के लिए उत्पीड़न शुरू हो गया। परिजनों के अनुसार, घटना के दिन दोपहर करीब दो बजे दीपांशी ने फोन कर बताया था कि उसकी जान को खतरा है और उसे फिर से परेशान किया जा रहा है। कुछ ही घंटे बाद उन्हें सूचना मिली कि दीपांशी का शव फांसी पर लटका मिला है। परिजनों ने इसे आत्महत्या मानने से इनकार करते हुए हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने मामले में मृतका के पति विशाल, ससुर राजेंद्र और सास कमलेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया, लेकिन सभी आरोपी अभी फरार हैं।
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