सहारनपुर के सड़क दुधली क्षेत्र में शुक्रवार को कश्यप समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इसमें समाज के वरिष्ठ लोग, युवा प्रतिनिधि और स्थानीय सहयोगी बड़ी संख्या में शामिल हुए। बैठक का मुख्य मुद्दा कश्यप समाज के पारंपरिक तालाबों की जमीन पर कथित अवैध कब्जे और प्रशासनिक उदासीनता रहा। बैठक में कश्यप समाज के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि सड़क दुधली क्षेत्र में स्थित उनके निजी तालाबों पर कुछ लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। समाज के सदस्यों का कहना है कि इन तालाबों की भूमि उनके पूर्वजों द्वारा विकसित की गई थी और इससे संबंधित सभी मूल दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं। इसके बावजूद, भूमाफिया और कुछ स्थानीय लोगों की मिलीभगत से जमीन अपने नाम कराने का प्रयास किया जा रहा है। नवीन कुमार प्रजापति ने बैठक में बताया कि तालाबों पर कब्जा करने वालों ने फर्जी डिग्रियां तैयार कीं और उनके आधार पर अपने नाम दर्ज करा लिए। उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने लीलावती, रोशन देवी और ज्ञान सिंह जैसे तीन फर्जी नामों का उपयोग कर खुद को कश्यप परिवार से जोड़कर भूमि को अपने पक्ष में दर्ज करा लिया। जबकि इन नामों का कश्यप परिवार से कोई संबंध नहीं है। विनोद कुमार नामक व्यक्ति को भी गलत तरीके से परिवार का सदस्य दर्शाया गया। कश्यप समाज ने इस मामले की शिकायत जिले के तमाम अधिकारियों से लेकर उच्च प्रशासन तक की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। समाज का कहना है कि आरोपी लगातार तालाबों में भराव कर जमीन को पाटने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे पर्यावरण और सामाजिक संरचना दोनों को नुकसान पहुंच रहा है। समाज के लोगों ने चकबंदी अधिकारी के समक्ष मुकदमा भी दायर किया है, हालांकि इसकी प्रक्रिया धीमी है। बैठक में प्रजापति समाज ने भी कश्यप समाज को अपना पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की। कश्यप समाज ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर कब्जाधारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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