सम्भल में भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुशील चौधरी को प्रशासन ने रविवार देर रात नजरबंद कर दिया। यह कार्रवाई विद्युत निजीकरण के विरोध में प्रस्तावित ज्ञापन कार्यक्रम से ठीक पहले की गई। पुलिस ने सुशील चौधरी के मेहराना स्थित आवास पर पहुंचकर उन्हें बाहर निकलने से रोक दिया। सुशील चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी के निर्देश पर सोमवार दोपहर 1 बजे मुरादाबाद में मुख्यमंत्री को विद्युत निजीकरण के विरोध में ज्ञापन सौंपा जाना था। सभी पदाधिकारी और किसान उनके निवास से मुरादाबाद के लिए रवाना होने वाले थे, लेकिन कार्यक्रम से कुछ घंटे पहले ही उन्हें घर में रोक दिया गया। चौधरी ने प्रशासन की इस कार्रवाई को शांतिपूर्ण आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है और वे अपने अधिकारों तथा न्याय के लिए अहिंसक संघर्ष जारी रखेंगे। किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा के अन्य पदाधिकारियों ने इस नजरबंदी की निंदा की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिलाध्यक्ष को रोके जाने के बावजूद यूनियन का प्रतिनिधिमंडल तय समय पर मुरादाबाद पहुंचेगा और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेगा। इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र के किसानों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है।
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