सपा सांसद राजीव राय ने मऊ जिले में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि दिल्ली में बैठे मुख्य चुनाव आयोग के अधिकारी नीचे के अधिकारियों पर दबाव डालकर लोकतंत्र का गला घोंटने की साजिश रच रहे हैं। राय ने शुक्रवार को हुई एक बैठक का हवाला देते हुए बताया कि जिले के 17 लाख मतदाताओं में से अब तक केवल एक लाख मतदाताओं का डेटा ऑनलाइन अपलोड किया गया है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि 4 तारीख की अंतिम तिथि तक शेष 16 लाख मतदाताओं के फॉर्म अपलोड करना कैसे संभव होगा, जबकि केवल 12 दिन बचे हैं। सांसद ने कहा कि आधे से अधिक जगहों पर बूथ लेवल अधिकारी (BLO) नहीं पहुंच पा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कई BLOs को SIR फॉर्म भरने की प्रक्रिया या प्रशिक्षण के बारे में कोई जानकारी नहीं है, और अधिकांश फॉर्म अभी तक वितरित नहीं हुए हैं। उन्होंने SIR फॉर्म में मांगी जा रही जानकारी की जटिलता पर भी सवाल उठाया, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी शादी कई साल पहले हुई हो। राजीव राय ने चुनाव आयोग पर मतदाताओं के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया। उन्होंने दिल्ली में बैठे मुख्य चुनाव अधिकारी को चुनौती देते हुए चेतावनी दी कि यदि किसी भी मतदाता को उसके अधिकार का प्रयोग करने से रोका गया, नाम काटा गया या नाम नहीं चढ़ाया गया, तो संबंधित अधिकारियों की खैर नहीं होगी। उन्होंने इसे अपनी चेतावनी समझने को कहा। सांसद ने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग का काम चुनाव कराकर मतदाताओं को उनके अधिकार का प्रयोग कराना है, न कि उन्हें वंचित करना। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि मतदाताओं के अधिकारों पर बुलडोजर चलाने का प्रयास न किया जाए।
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