संभल के मियां सराय स्थित समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक के आवास पर शनिवार को सपा विधायक के पुत्र सुहैल इकबाल ने एक प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने सरकार पर निजता हनन और दबाव की राजनीति करने का आरोप लगाया। इकबाल ने कहा कि सरकार जनता का ध्यान शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मूलभूत मुद्दों से भटकाने के लिए नए विवादित विषय उठा रही है। सांसद अरुण गोविल द्वारा मस्जिदों और मदरसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग पर सुहैल इकबाल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अधिकांश मस्जिदों और मदरसों में सुरक्षा के लिए पहले से ही सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इकबाल ने आरोप लगाया कि सरकार विभिन्न ऐप्स और आदेशों के माध्यम से नागरिकों की निजी जिंदगी में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जनता को सुविधाएं चाहिए, अनावश्यक पाबंदियां नहीं। सुहैल इकबाल ने महंगाई, पुलिस चेकिंग, टोल टैक्स और बढ़ते आर्थिक बोझ का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी चारों तरफ से दबाव महसूस कर रहा है। उनके अनुसार, भारी टैक्स वसूलने के बावजूद सड़क, स्वास्थ्य और अन्य मूलभूत सुविधाएं अभी भी अपर्याप्त हैं, जिससे जनता में निराशा है। वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की अंतिम तिथि तीन महीने बढ़ाए जाने पर सुहैल इकबाल ने इसे जनहित में लिया गया निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि दस्तावेज़ तैयार करने में लोगों को कठिनाई हो रही थी और पोर्टल की तकनीकी समस्याओं के कारण कई कार्य लंबित थे। उन्होंने उम्मीद जताई कि समय बढ़ने से अधिकतम संपत्तियां सही ढंग से दर्ज हो सकेंगी, बशर्ते पोर्टल सुचारु रूप से कार्य करे। इकबाल ने एसआईआर (संक्षिप्त पुनरीक्षण) प्रक्रिया को लेकर अधिकारियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि सपा ने प्रत्येक बूथ पर बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) नियुक्त किए हैं, जो जिम्मेदारी से काम कर रहे हैं। हालांकि, उन्हें शिकायतें मिली हैं कि कुछ अधिकारी बीएलए पर 4 दिसंबर तक एसआईआर प्रक्रिया पूरी करने का दबाव बना रहे हैं, जबकि चुनाव आयोग ने इसकी अंतिम तिथि 11 दिसंबर तय की है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि आयोग द्वारा निर्धारित पूरे समय का पालन किया जाए, ताकि अधूरे दस्तावेज़ वाले मतदाताओं के नाम भी सही तरीके से दर्ज हो सकें।
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