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‘सक्षम भारत के लिए वैज्ञानिक दृष्टि जरूरी’:देवरिया में खगोलशास्त्री प्रो. नटराजन ने अंधविश्वास मिटाने पर दिया जोर

देवरिया के नेहरू प्लेनेटेरियम, मुंबई के सुप्रसिद्ध खगोलशास्त्री एवं व्याख्याता प्रो. एस. नटराजन का कहना है कि समर्थ, सक्षम और शक्तिशाली भारत के निर्माण के लिए अंधविश्वासों का जड़ से उन्मूलन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि समाज के हर व्यक्ति को किसी भी कथ्य पर आँख बंद करके भरोसा करने के बजाय तार्किक सोच और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। विशेषकर युवाओं को प्रश्न पूछने और उत्तर खोजने की प्रवृत्ति विकसित करनी होगी, जिससे मानव समाज सही दिशा में आगे बढ़ सके। जिले की डीएम दिव्या मित्तल के विशेष आमंत्रण पर पहली बार देवरिया आए प्रो. नटराजन ने कहा कि वे देश भर में खगोल विज्ञान के माध्यम से जनमानस में फैली भ्रांतियों और अंधविश्वासों को दूर करने का अभियान चला रहे हैं। उनका उद्देश्य है—“हर भारतीय युवा के मन में वैज्ञानिक दृष्टि पैदा हो और समाज भ्रमों से मुक्त हो।” भारत के अंतरिक्ष विज्ञान की प्रगति पर प्रशंसा भारत के अंतरिक्ष मिशनों पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मिशन मंगल, चंद्रयान और आदित्य-एल1 जैसे अभियानों ने भारतीय वैज्ञानिकों की क्षमता को विश्व मंच पर साबित किया है। उन्होंने बताया कि आज भारत अपने रॉकेट और कैप्सूल के जरिए अंतरिक्ष में मानव भेजने में सक्षम हो चुका है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नासा और इसरो दोनों जगह भारतीय वैज्ञानिकों ने अपनी योग्यता का लोहा मनवाया है। ग्रहण और अन्य खगोलीय घटनाओं पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण पुरानी मान्यताओं और परंपराओं पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण पूरी तरह खगोलीय घटनाएं हैं। इनका किसी अनिष्ट या अपशकुन से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने हँसते हुए कहा—“मैं तो अपनी वर्कशॉप में ग्रहण के दौरान छात्रों को चाय-समोसे तक खिलवाता हूँ, ताकि वे समझ सकें कि ये केवल वैज्ञानिक घटनाएँ हैं।” अंतरिक्ष विज्ञान में रोजगार के अवसर प्रो. नटराजन के अनुसार, अंतरिक्ष विज्ञान अब केवल प्लेनेटेरियम तक सीमित नहीं है। आज इसमें अनेक करियर पथ उपलब्ध हैं- अंतरिक्ष यात्री, वैज्ञानिक, प्रोफेसर, खगोलीय डेटा विश्लेषक, मौसम विज्ञानी, अनुसंधान विशेषज्ञ—जैसे कई विकल्प युवाओं के सामने हैं। भविष्य की योजनाएँ उन्होंने बताया कि वे वर्ष 1984 से नेहरू प्लेनेटेरियम में कार्यरत हैं और पिछले एक दशक में देशभर के 150 शहरों में लगभग 4,000 खगोलीय कार्यक्रम कर चुके हैं। पहले यह कार्यक्रम स्कूलों और कॉलेजों तक सीमित थे, लेकिन अब हाउसिंग सोसाइटी, होटल और पर्यटन स्थलों से भी उन्हें निमंत्रण मिल रहा है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में कार्यक्रम कर चुके प्रो. नटराजन ने बताया कि आने वाले समय में मेरठ, आगरा, वाराणसी और लखनऊ में भी खगोलीय शो आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा—“युवाओं में वैज्ञानिक चेतना जगाना और अंधविश्वास को दूर करना ही मेरा मानवीय कर्तव्य है।”


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