मुजफ्फरनगर में सऊदी अरब से सोशल मीडिया पर की गई एक शिकायत के बाद मुजफ्फरनगर प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान एक बीएलओ गणना प्रपत्र की दूसरी प्रति देने में लापरवाही बरत रही थी। मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचने के बाद स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गया। खतौली क्षेत्र के ग्राम अंती निवासी आरिफ चौहान, जो वर्तमान में सऊदी अरब में कार्यरत हैं, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से यह आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि बीएलओ पूनम ने उनके परिवार को एसआईआर अभियान के तहत गणना प्रपत्र की रिसीविंग की दूसरी प्रति उपलब्ध नहीं कराई। इस पोस्ट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी टैग किया गया था, जिससे यह मामला तुरंत सुर्खियों में आ गया। शिकायत का संज्ञान लेते हुए, जिला निर्वाचन अधिकारी उमेश मिश्रा ने एसडीएम खतौली निकिता शर्मा को तत्काल कार्रवाई करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। एसडीएम खतौली ने गंभीरता दिखाते हुए तहसील से एक विशेष टीम गठित की और उसे तुरंत गांव अंती भेजा। टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थलीय जांच की, ग्रामीणों के बयान दर्ज किए और बीएलओ के कामकाज की भी पड़ताल की। जिला प्रशासन के अनुसार, जांच टीम को शिकायतकर्ता आरिफ के छोटे भाई अफजल चौहान उनके घर पर मिले। अफजल ने बताया कि उनके बड़े भाई आरिफ ने सऊदी अरब से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य संबंधित अधिकारियों को टैग करते हुए यह शिकायत की थी। अफजल ने पुष्टि की कि उन्हें अब गणना प्रपत्र की रिसीविंग मिल चुकी है, जिससे शिकायत का समाधान हो गया। शिकायत का समाधान हो गया है और अब बीएलओ पूनम से कोई शिकायत नहीं है। जांच टीम ने बड़ी संख्या में मौजूद ग्रामीणों से पूछताछ की। ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि बीएलओ पूनम द्वारा गणना प्रपत्र उपलब्ध कराने या कार्यप्रणाली को लेकर उन्हें कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने बताया कि बीएलओ समय पर सभी प्रक्रियाएं पूरी कर रही हैं। शिकायत की पुष्टि न होने के बावजूद अधिकारियों ने बीएलओ को निर्देश दिए कि एसआईआर गणना से जुड़ी प्रक्रिया में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भविष्य में सभी प्रपत्रों की रिसिविंग समय पर देने और रिकॉर्ड में पारदर्शिता बनाए रखने के आदेश भी दिए गए। सऊदी अरब से किए गए एक ट्वीट ने मुजफ्फरनगर प्रशासन को तुरंत सक्रिय कर दिया। यह मामला दशार्ता है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर की गई शिकायतें अब प्रशासनिक तंत्र को सीधे प्रभावित कर रही हैं।
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