शामली जनपद के कस्बा झिंझाना में नगर पंचायत चेयरमैन सुरेशपाल कश्यप और सफाई कर्मचारियों के बीच पिछले तीन दिनों से चला आ रहा विवाद शनिवार को और गहरा गया। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण कस्बे की पूरी सफाई व्यवस्था ठप पड़ गई है, जिससे गली-मोहल्लों में कूड़े के ढेर लग गए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शनिवार सुबह एसडीएम ऊन संदीप त्रिपाठी और अधिशासी अधिकारी (ईओ) समीर कश्यप धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों से बातचीत की और उनकी समस्याएं विस्तार से सुनीं। ईओ समीर कश्यप ने कर्मचारियों को बताया कि नगर पंचायत के अधिकृत अधिकारी वही हैं और उन्हें अपनी सभी समस्याएं सीधे उनसे साझा करनी चाहिए। वार्ता के बाद, अधिकारियों ने सफाई कर्मचारियों की मांगों को मानते हुए उन्हें लिखित आश्वासन दिया। साथ ही, कर्मचारियों से अपील की गई कि वे तुरंत काम पर लौटकर कस्बे में सफाई व्यवस्था को सुचारु करें। अधिकारियों के लौटने के बाद, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के जिलाध्यक्ष शांता प्रधान, वरिष्ठ किसान नेता कपिल खाटियान, बिल्लू राणा, आशीष कुमार, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष नौशाद ठेकेदार, कई सभासद और कस्बे के अन्य लोग धरना स्थल पर पहुंचे। भाकियू नेता कपिल खाटियान ने एसडीएम और ईओ से सफाईकर्मियों की समस्याओं और चेयरमैन द्वारा कथित रूप से कब्जा की गई जमीन के मुद्दे को हल करने की बात की। इसी बीच, अधिशासी अधिकारी द्वारा जमीन पर घेराबंदी करने की सूचना पर वाल्मीकि समाज में आक्रोश फैल गया। वहीं, नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेशपाल कश्यप ने वार्ता के लिए आए भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों और भाजपा के जिला उपाध्यक्ष घनश्याम पारचा से साफ तौर पर कहा, “जो इनसे बनता हो कर लो, मैं तो ऐसे ही करूंगा।” इस बयान के बाद धरना स्थल पर भारी हंगामा हो गया।
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