इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1971 के युद्ध में शहीद की विधवा की दुर्दशा पर गहरी चिंता व्यक्त की है। विधवा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि उसे 5 बीघा जमीन के उसके हक के मुकाबले केवल 2.5 बीघा जमीन आवंटित की गई है। और वह 1974 से अपने हक की जमीन पाने के लिए संघर्ष कर रही है। न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि यदि उनकी याचिका में किए गए दावे सही हैं, तो स्थिति ” पूरे समाज की स्थिति की चौंकाने वाली तथ्य” दर्शाती है। खंडपीठ ने कहा कि ” यह मामला 1971 के युद्ध में शहीद हुए एक व्यक्ति की विधवा का है, जो 5 बीघा जमीन की हकदार है और उसे केवल 2.5 बीघा जमीन दी गई है। वह वर्ष 1974 से संघर्ष कर रही है। यदि उक्त बातें सही हैं तो यह पूरे समाज की स्थिति को चौंकाने वाला प्रमाण है। ” न्यायालय ने आगे कहा कि इस मामले में तात्कालिकता का तत्व शामिल है और इसलिए, उसने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह तुरंत निर्देश प्राप्त करे और सभी ‘आवश्यक’ कदम उठाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विधवा के दावे का जल्द से जल्द निपटारा किया जा सके। न्यायालय ने प्राधिकारियों को 8 दिसंबर, 2025 तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट में अब मामले की सुनवाई उसी दिन होगी।
https://ift.tt/ABTg0J6
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply