लखनऊ में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के मुख्यालय शक्ति भवन के बाहर बुधवार सुबह से ही सैकड़ों निविदा कर्मचारी धरने पर बैठ गए। कर्मचारियों ने सड़क पर कारपेट बिछाकर पूरा मार्ग जाम कर दिया, जिससे आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई। प्रदर्शनकारियों ने मौके पर ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाए और सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया। कम वेतन व छंटनी का आरोप, कहा—हमारी कोई सुनवाई नहीं प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि आउटसोर्सिंग और निविदा आधार पर काम कर रहे कर्मचारी ₹10,000–11,000 की तनख्वाह पर कठिन ड्यूटी करते हैं, लेकिन अब विभाग उन्हें हटाने की तैयारी कर रहा है। उनका आरोप है कि सरकार उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही और लगातार छंटनी का खतरा बना हुआ है। कर्मचारियों का कहना है कि पहले किए गए प्रदर्शन के बाद ₹18,000 न्यूनतम वेतन तय करने का आदेश तो जारी हुआ, लेकिन आज तक लागू नहीं किया गया। कॉरपोरेशन पर कमीशनखोरी का आरोप, बोले—व्यवस्था हम संभालते, चोट हमीं पर निविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद खालिद ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन में कमीशनखोरी की वजह से निविदा कर्मचारियों को हटाने की कवायद चल रही है। उनके मुताबिक, “प्रदेश में बिजली व्यवस्था सुधारने में सबसे ज्यादा मेहनत आउटसोर्सिंग और निविदा कर्मचारी करते हैं। ₹11,000 की तनख्वाह पर काम करने वालों को हटाना सरासर गलत है। सिस्टम हम संभालते हैं और सजा हमें मिल रही है।” पुलिस की भारी तैनाती, शक्ति भवन से जीएसटी ऑफिस मार्ग बंद जमकर हंगामे के बाद प्रशासन ने शक्ति भवन के बाहर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी है। सुरक्षा के मद्देनज़र शक्ति भवन से जीएसटी ऑफिस की ओर जाने वाला रास्ता भी बंद कर दिया गया। अधिकारियों की टीमें मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों को समझाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन प्रदर्शन जारी है।
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