नवीं पातशाही गुरु तेग बहादुर सिंह के शहीदी पर्व के उपलक्ष्य में जहां एक ओर सिख संगत लंगर बनाने और लोगों को भोजन खिलाने में सेवा दे रही थी। वहीं दूसरी ओर शहर के व्यापारी और बिजनेस मैन कीर्तन दरबार में आने वाले लोगों को जूते की सेवाएं देते नजर आए। रुपए-पैसे और अमीरी गरीबी जैसी चीजों को भूलकर सिख पूरी तरह से सेवा भाव में डूबे नजर आए और लोगों के जूते एकत्रित करने के साथ ही उन्हें साफ करते नजर आए। इस सबके पीछे सिर्फ एक ही चीज थी, गुरुओं की दी गई शिक्षा। गुरुओं ने हमेशा ऊंच-नीच और अमीरी-गरीबी से दूर रहकर लोगों को समानता का भाव सिखाया। सिख मंगलवार को इस सीख को सार्थक करते नजर आए। 50 सालों से दे रहे जूतों की सेवा कीर्तन दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं के जूतों को संभालने और उन्हें सुरक्षा के साथ रखने वाले सिखों ने बताया कि वह 50 सालों से धार्मिक आयोजनों में यह सेवा दे रहे हैं। उनका यंग मैन सिख एसोसिएशन नाम का एक संगठन है, जो पूरे साल लोगों की सेवा करता है। शहर में जब भी किसी गुरुद्वारे में या अन्य किसी जगह पर गुरु से जुड़ा धार्मिक आयोजन या अनुष्ठान होता है, तो उनका संगठन वहां जाता है और जूतों की सेवा देता है। उनके संगठन में 100 सदस्य हैं, जो धार्मिक अनुष्ठान में आने वाले लोगों के जूते संभालते हैं और सुरक्षा से रखकर उन्हें वापस करते हैं। कई सिख यहां पर जूते साफ कर भेदभाव को भी मिटाने का काम करते हैं। लोगों की जान बचाने को हुआ रक्तदान गुरु के शहीदी पर्व के दौरान मेडिकल कैंप का आयोजन भी किया गया। इस दौरान शहर के विभिन्न मेडिकल ग्रुपों के जरिए कैंप लगाया गया, जिसमें सिख समाज के लोगों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया। जिससे कि दुर्घटना में घायल हुए लोगों और थैलीसीमिया से प्रभावित लोगों की जान बचाई जा सके। इस दौरान बड़ी संख्या में ब्लड एकत्रित किया गया। चिकित्सकों ने दी फ्री सेवाएं कार्यक्रम के दौरान विभिन्न मेडिकल कैंप भी लगाए गए, जहां पर लोगों की फ्री जांच की गई और उनको दवाइयां दी गई। इस दौरान चिकित्सकों ने भी गुरु की सेवा में फ्री सेवाएं दी और लोगों की जांच की। एचएएल के चिकित्सक डॉ पीयूष त्रिपाठी ने बताया कि वह हर साल गुरु पर्व में अपनी फ्री सेवाएं देते हैं। यह बोले सिख सेवादार पिता को देखकर शुरू की सेवा शहीदी पर्व में जूते की सेवाएं दे रहे जसवीर सिंह सचदेव ने बताया कि उनका कास्मेटिक्स चीजों का व्यापार है। वह और उनका ग्रुप हर गुरुद्वारे से जुड़े हर धार्मिक कार्यक्रम में जूतों की सेवा देते हैं। उनके पिता यह सेवा करते थे, उन्हें देखकर वह भी लोगों के सेवा काम में जुट गए। सेवा करके मिलता है सुकून जूतों की सेवा दे रहे गौरव भाटिया ने बताया कि उनका टायर का बिजनेस है। सालों से वह यह सेवा दे रहे हैं, इससे उन्हें सुकून मिलता है। उन्होंने बताया कि गुरुओं ने भी यही संदेश दिया है कि लोगों की सेवा करो और कभी अमीरी गरीबी और ऊंच-नींच का भेदभाव न करो। गुरु की इसी सीख को वह लोगों तक पहुंचाने में जुटे हैं।
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