फिरोजाबाद में अंधविश्वास के कारण एक बुजुर्ग ने अपनी जान दांव में लगा दी। उसने तांत्रिक के कहने पर अपने प्राइवेट पार्ट में लोहे का छल्ला पहन लिया। कुछ समय उसे पेशाब करने में तकलीफ होने लगी। वह दर्द से चिल्लाने लगा। परिजन उसे अस्पताल लेकर गए। यहां डॉक्टरों ने प्राइवेट पार्ट से छल्ला निकालकर उसकी जान बचाई। फिलहाल बुजुर्ग की हालत अब ठीक है। मामला थाना दक्षिण का है। गांव निवासी 65 साल के वृद्ध कुछ समय से खुद को दुर्भाग्यशाली मान रहे थे। अपनी समस्याओं के समाधान के लिए वह एक तांत्रिक के पास पहुंचे। तांत्रिक ने उन्हें यह कहकर बहकाया कि यदि वह अपने प्राइवेट पार्ट पर लोहे का छल्ला पहन लें, तो उनकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी। अंधविश्वास में आकर बुजुर्ग ने यह यह उपाय कर लिया। अपने प्राइवेट पार्ट में छल्ला पहन लिया। कुछ समय बाद उन्हें तकलीफ होने लगी। बाथरूम तक नहीं कर पा रहे थे। वह दर्द से चिल्लाने लगे। रविवार दोपहर करीब 3 बजे परिजन वृद्ध की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे तत्काल सरकारी ट्रॉमा सेंटर ले गए। ट्रॉमा सेंटर में तैनात इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर (EMO) डॉ. आरपी सिंह और उनकी टीम ने तुरंत उपचार शुरू किया। कई सावधानीपूर्वक प्रयासों के बाद, मेडिकल टीम लोहे के छल्ले को सफलतापूर्वक निकालने में कामयाब रही। समय पर उपचार मिलने से वृद्ध की जान बच गई और अब उसकी हालत सामान्य बताई जा रही है। डॉक्टरों ने इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों से अंधविश्वास से दूर रहने की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि तांत्रिकों के बहकावे में आकर इस तरह के उपाय करना गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है और कई बार जानलेवा भी साबित हो सकता है।
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