चंदौली जिले के मुगलसराय से भाजपा विधायक रमेश जायसवाल के लिए उनका ही समाज अब चुनौती खड़ी कर रहा है। गुरुवार देर शाम विधायक आवास के बाहर बड़ी संख्या में जुटे जायसवाल समाज के लोगों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। रोहितास पाल हत्याकांड में समाज के तीन लोगों को साजिशकर्ता बताकर जेल भेजे जाने पर लोग खुलकर नाराजगी जताते दिखे। प्रदर्शन के बाद साफ हो गया कि विधायक के परंपरागत वोट बैंक में भी खिसकन शुरू हो गई है। 18 नवंबर की शाम मुगलसराय कस्बे में दवा कारोबारी रोहितास पाल उर्फ रोमी पाल की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने 25 नवंबर को मामले में साजिशकर्ता बताते हुए भानु जायसवाल, मनोज जायसवाल और ओमप्रकाश जायसवाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटर अब तक पकड़ में नहीं आए हैं।यही सबसे बड़ा सवाल बन गया—जब शूटर ही नहीं मिले, तो साजिशकर्ता का नाम कैसे तय हो गया? “प्रतिष्ठित व्यापारियों को फंसाया गया”
जायसवाल समाज के लोगों का आरोप है कि नगर के प्रतिष्ठित व्यापारियों को बिना ठोस सबूत के फंसाया गया है। उनका कहना है कि वे रोहितास पाल के परिवार के साथ हैं और असली हत्यारों की गिरफ्तारी चाहते हैं। समाज के लोगों ने पुलिस पर गलत दिशा में कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग उठाई। विधायक आवास का घेराव, एसपी के खिलाफ नारेबाजी
गुरुवार रात लोगों ने विधायक के घर पहुंचकर घेराव किया और एसपी के खिलाफ नारे लगाए। भीड़ ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई संदिग्ध है, इसलिए उच्च स्तर पर समीक्षा की जाए। इस विरोध ने तत्काल राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया। विधायक दोहरी मुश्किल में
अपने ही समाज के विरोध का सामना कर रहे विधायक रमेश जायसवाल के सामने अब दोधारी स्थिति बन गई है—एक तरफ पुलिस की कार्रवाई, दूसरी ओर समाज का आक्रोश। लोगों की नाराजगी देख विधायक ने भी राजनीतिक नुकसान का अंदाजा लगा लिया है।विधायक ने कहा—“मैं समाज के लोगों के साथ हूं, निर्दोष को सजा नहीं होने दूंगा।” समाज के खुलकर विरोध में आने के बाद यह मामला सिर्फ कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि राजनीतिक संवेदनशीलता का भी हो गया है।
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