विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के केंद्रीय अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, निराला नगर में संपन्न हुई। इसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से प्रधानाचार्य और अधिकारी शामिल हुए। विद्यालय के प्रधानाचार्य दुर्गेश चंद्र पांडेय और निदेशक राम तीर्थ वर्मा ने अन्य शिक्षकों एवं स्टाफ के साथ अतिथियों का स्वागत किया। बैठक की शुरुआत वैदिक मंगलाचरण से की गई। मुख्य अधिकारी शिव प्रसाद ने कहा- शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी प्राप्त करना नहीं होना चाहिए, बल्कि बच्चों में संस्कार, चरित्र निर्माण और राष्ट्र चेतना का भाव जागृत करना भी आवश्यक है। उन्होंने जोर देकर कहा- नई शिक्षा पद्धति में भारतीय ज्ञान परंपरा को विशेष स्थान देकर विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना ही विद्या भारती का मुख्य लक्ष्य है। विद्यार्थियों को तकनीकी का ज्ञान हो प्रदेश निरीक्षक राम जी सिंह ने बताया कि विद्यालयों में अनुशासन, शैक्षणिक गुणवत्ता और गतिविधियों का विस्तार हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को खेल, योग, संगीत, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्रों में आगे बढ़ाने के लिए विद्यालयों को आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित किया जा रहा है। उन्होंने सभी प्रधानाचार्यों से अपील की कि प्रत्येक विद्यालय सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित करें। बैठक के दौरान विभिन्न जिलों की शैक्षिक गतिविधियों की गहन समीक्षा की गई और भविष्य की कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा हुई। अंत में उपस्थित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया और राष्ट्रगान के साथ बैठक का समापन हुआ। ये लोग शामिल हुए बैठक में मुख्य अधिकारी शिव प्रसाद, कौशल किशोर वर्मा, क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र, भारतीय शिक्षा समिति के प्रदेश निरीक्षक राम जी सिंह, साकेत संभाग के निरीक्षक अवरीश, सीतापुर संभाग निरीक्षक सुरेश और मिथिलेश अवस्थी सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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