गाजियाबाद के नेहरू नगर स्थित यशोदा हॉस्पिटल में विदेशी बच्ची पर मिनिमली इनवेसिव वेगस नर्व स्टीमुलेशन (VNS) सर्जरी सफलतापूर्वक की गई है। अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, वेस्ट यूपी में पहली बार इस तरह की सर्जरी की गई है, जो चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। यह विशेष प्रक्रिया रिफ्रैक्टरी एपिलेप्सी से पीड़ित पापुआ न्यू गिनी की एक छोटी बच्ची पर की गई, जो अब पूरी तरह स्वस्थ है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने मिलकर बचाई जान
इस जटिल और दुर्लभ प्रक्रिया को यशोदा अस्पताल की न्यूरोसर्जरी टीम ने अंजाम दिया। टीम का नेतृत्व वरिष्ठ सलाहकार एवं न्यूरोसर्जन डॉ. पुनीत मलिक ने किया। सर्जरी में डॉ. ब्रिगेडियर यादवेंद्र सिंह सिरोही, एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख डॉ. विकास चोपड़ा और बाल रोग एवं नियोनेटोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. मेजर सचिन कुमार दुबे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉक्टरों ने बताया कि सर्जरी सफल रही और बच्ची अब स्टेबल है तथा तेजी से रिकवर कर रही है। इस सफल प्रक्रिया से वेस्ट यूपी की न्यूरो सर्जिकल क्षमताओं में एक बड़ा विस्तार हुआ है। डॉक्टर बोले- यह ब्रेन सर्जरी के विपरीत
डॉक्टरों ने बताया कि मिर्गी के लिए होने वाली पारंपरिक ब्रेन सर्जरी के विपरीत VNS प्रक्रिया में मस्तिष्क में कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं होता। इसके बजाय गर्दन में एक छोटा-सा डिवाइस लगाया जाता है, जो वेगस नर्व को हल्के, नियंत्रित इलेक्ट्रिकल इम्पल्स भेजता है। ये इम्पल्स दिमाग की असामान्य इलेक्ट्रिकल गतिविधि को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जिससे दौरे आने की आवृत्ति और गंभीरता दोनों कम हो जाती हैं। यह मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर बेहद कम रक्तस्राव के साथ मरीज़ की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए किया जाता है। VNS दुनिया भर में उपलब्ध सबसे आधुनिक और उन्नत न्यूरो सर्जिकल तकनीकों में से एक है, जो ऐसे मरीजों के लिए उपयोगी है जिनकी मिर्गी दवाओं से नियंत्रित नहीं होती। दौरे दवा से ठीक नहीं होते
डॉक्टरों ने बताया कि जब मिर्गी के दौरे दवाओं से ठीक नहीं होते, तब VNS बेहद प्रभावी विकल्प बन जाता है। चूंकि यह डिवाइस मस्तिष्क के बजाय गर्दन में फिट किया जाता है, इसलिए ओपन ब्रेन सर्जरी से जुड़े कई जोखिम पूरी तरह खत्म हो जाते हैं और मरीज को लंबे समय तक फायदा मिलता है। वैज्ञानिक रूप से भी यह सिद्ध हो चुका है कि VNS थेरेपी से दौरे काफी हद तक कम हो जाते हैं, जिससे मरीजों की जीवन गुणवत्ता बेहतर होती है। यशोदा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर द्वारा इस रेयर और एडवांस्ड प्रोसीजर को सफलतापूर्वक अंजाम देना न्यूरो सर्जिकल केयर के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
हॉस्पिटल प्रशासन ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया
यशोदा ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. दिनेश अरोड़ा ने कहा कि यशोदा समूह लगातार प्रयास करता है कि मरीजों को दूर-दराज न जाना पड़े और उन्हें स्थानीय स्तर पर ही बेहतर, सुरक्षित और किफायती इलाज उपलब्ध हो सके। यह सफलता वेस्ट यूपी में एडवांस्ड न्यूरोसर्जिकल सुविधाओं को आसान और सुलभ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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