मिर्जापुर के विंध्याचल धाम में फर्जी पंडों और अवैध भिक्षाटन के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। धाम में भिक्षाटन करने वाले भिखारियों की मासिक आय एक लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है। कंतित बरतर निवासी दिव्यांग आलम, जो सुबह 11 बजे से देर रात तक भीख मांगता है। उन्होंने बताया कि उसकी दैनिक कमाई लगभग 500 रुपये है। हालांकि, स्थानीय लोगों के अनुसार, वह 5 से 6 हजार रुपये मिलने के बाद ही घर लौटता है। आलम अपने साथ दो सहायक भी रखता है, जिन्हें वह मासिक पारिश्रमिक देता है। देखें, 4 तस्वीरें… श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और धाम की गरिमा बनाए रखने के उद्देश्य से यह कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। विंध्याचल धाम में विंध्य पंडा समाज के संदीप पांडेय से समस्या और समाधान पर चर्चा की गई। पंडा समाज के सदस्यों ने धाम में व्याप्त अव्यवस्था पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि गैर-बिरादरी के और अन्य जनपदों व राज्यों से आए अज्ञात व्यक्ति श्रद्धालुओं का शोषण कर रहे हैं, जिससे दर्शनार्थियों को परेशानी हो रही है। सदस्यों ने कहा कि फर्जी पंडा बनकर पूजा के नाम पर वसूली, तिलक लगाकर धन मांगने और अवैध भिक्षाटन जैसी गतिविधियों से धाम की छवि खराब हो रही है। मंदिर परिसर से भिक्षाटन करने वालों को हटाया गया है। सभी पंडों को पहचान पत्र लगाकर ही अपनी ड्यूटी करने के निर्देश दिए गए हैं। छद्म पुरोहित बनकर श्रद्धालुओं को धोखा देने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने यह भी कहा कि ऐसे तत्व धाम की पवित्रता और व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसलिए फर्जी पंडों, अनधिकृत भिक्षुकों और संदिग्ध व्यक्तियों को मंदिर क्षेत्र में किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि मंदिर की सुरक्षा को देखते हुए ऐसे लोगों पर तत्काल कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि भक्तों को निर्भय और सुगम दर्शन मिल सके।
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