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वाराणसी में IIT-BHU गैंगरेप पीड़िता के दोस्त से जिरह जारी:वकील के सवाल पर बोला चश्मदीद, आरोपियों ने कपड़े उतारकर छात्रा से की थी दरिंदगी

वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट में बुधवार को IIT-BHU गैंगरेप केस की पीड़ित छात्रा का दोस्त से जिरह हुई। कोर्ट में उसकी गवाही पूरी होने के बाद अब आरोपियों के वकील ने उसके बयान पर सवाल किया। आरोपी आनंद चौहान के वकील ने अपनी जिरह में ताबड़तोड़ सवाल दागे। आनन्द चौहान के वकील ने उस रात का मंजर फिर दोहराया तो बयान में दिशा और दशा के सवाल उठाए। आरोपियों को रात के अंधेरे में देखने और फिर हुलिया के आधार पर सटीक पहचान को संदेहास्पद बताया। इसके साथ ही पीड़िता के साथ रात में सुनसान इलाके में जाने का कारण भी पूछा। वकील और पीड़िता के दोस्त के बीच आधे घंटे से अधिक जिरह चली लेकिन यह जिरह बयान लिखाने के साथ पूरी नहीं हो सकी। जिरह को पूरा करने के लिए आनंद चौहान के वकील ने समय मांगा जिसके लिए जज कुलदीप सिंह ने अगली तारीख 4 दिसंबर सुनिश्चित की। अब इस तारीख को वकील आरोपियों के बचाव में अपनी दलीलें पेश करेंगे। बता दें कि पीड़िता का दोस्त गैंगरेप का एक मात्र दश्मदीद गवाह है, जिसके सामने ही पूरी वारदात को अंजाम दिया गया। पीड़िता के अनुसार उसके दोस्त को एक आरोपी ने पकड़ लिया गया था और इसके बाद उससे दरिंदगी की। वहीं वकीलों की माने तो दोस्त की गवाही के बाद केस का रुख बदल गया है। एकमात्र दश्मदीद गवाह का बयान ही आरोपियों की सजा का आधार बन सकता है। अब इसके बाद अगली तारीख पर विवेचक तत्कालीन इंस्पेक्टर लंका के बयान कराए जाएंगे और केस में बहस शुरू हो जाएगा। अगर सब ठीक रहा अगले अगले महीनों में फैसला भी आ जाएगा। पीड़िता से जिरह नहीं कर पाए आरोपियों के वकील IIT-BHU की छात्रा के साथ 31 अक्टूबर, 2023 को गैंगरेप हुआ था। उसने पुलिस और कोर्ट में अपने बयान दिए थे, जिसमें अपने साथ एक दोस्त की मौजूदगी भी बताई थी। 22 अगस्त, 2024 को पहली बार कोर्ट में पीड़ित ने बयान दर्ज कराए, जिसमें पूरी वारदात में अपने दोस्त को चश्मदीद बताया। पिछली तारीखों में छात्रा की गवाही और जिरह के चलते कोर्ट, दोस्त को नहीं बुला सका था, अब पिछले सोमवार को छात्रा से जिरह नहीं होने पर आरोपियों का अवसर समाप्त हो गया। कोर्ट ने आरोपियों के वकील को 4 बार मौका दिया लेकिन इसके बाद भी छात्रा से जिरह (सवाल-जवाब) नहीं कर पाए। इससे पहले छात्रा पिछली तारीख पर कोर्ट आई और जज ने जिरह के लिए वर्चुअल पेशी में अवसर दिया। लेकिन आरोपियों के वकील ने स्थगन प्रार्थना पत्र दिया, जिसे जज ने अस्वीकार कर पीड़िता से जिरह का आखिरी अवसर भी समाप्त कर दिया। पुलिस ने अपनी विवेचना में भी उस दोस्त को गवाही बनाया और उसके बयान भी दर्ज किए। कोर्ट में बयान के बाद अभियोजन और बचाव पक्ष के वकील उसके बयान पर जिरह जारी है। अब 4 दिसंबर को उसके बयान में दर्ज घटना के हालातों पर सवाल भी पूछेंगे। सरकारी वकील बोले- आरोपियों को कड़ी सजा दिलाएंगे अभियोजन की ओर से अधिवक्ता (ADCG) मनोज कुमार कहते हैं- आज केस में अहम गवाही है, केस का एकमात्र चश्मदीद गवाह उस रात को हुए वाकए को बताएगा। इसके बाद केस के विवेचक को कोर्ट में बुलाया जाएगा। वो चार्जशीट और केस डायरी पर सवालों के जवाब देंगे। इसके बाद हमारी कोशिश होगी कि कोर्ट आरोपियों के खिलाफ कड़ी सजा सुनाए जाने की पैरवी करेंगे। बताया कि पहले ही जज कुलदीप सिंह ने पिछली तारीख पर ही सुनवाई में केस के आरोपी कुणाल पांडे की स्टे पिटिशन (स्थगन याचिका) को खारिज कर दिया था। वहीं, पीड़ित छात्रा के वकील की आपत्ति को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने गैंगरेप आरोपियों की ओर से किसी भी तारीख पर स्टे पिटिशन पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने यह भी कहा था कि कार्रवाई में बाधक बनने पर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। पहले आनंद, फिर कुणाल और सक्षम की रिहाई हो चुकी वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद सबसे पहले आरोपी आनंद ने 11 नवंबर, 2023 को जमानत याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी। आनंद ने परिजन की बीमारी समेत कई कारण बताए। इस पर कोर्ट ने 2 जुलाई, 2024 को जमानत स्वीकार कर ली, लेकिन कई शर्तें भी लगाईं। आनंद के जमानत स्वीकार होते ही दूसरे आरोपी कुणाल ने भी 2 जुलाई को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। 4 जुलाई को कोर्ट ने उसकी भी जमानत स्वीकार कर ली, लेकिन जमानतदारों के वैरिफिकेशन के चलते उसकी भी रिहाई 24 अगस्त को हो सकी। इसके बाद 4 जुलाई को तीसरे आरोपी सक्षम पटेल ने जमानत अर्जी दाखिल की। उसे भी कोर्ट ने कुछ दिन बाद गैंगरेप में जमानत दे दी, लेकिन गैंगस्टर में आपत्ति दाखिल हो गई। इसके बाद गैंगस्टर के केस में सक्षम पटेल की याचिका हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 16 सितंबर, 2024 को खारिज कर दी। इसके बाद उसने डबल बेंच में अपील की, जहां कोर्ट ने पुलिस से रिपोर्ट तलब की। पुलिस ने कोर्ट में कमजोर रिपोर्ट पेश की, जिस पर सक्षम पटेल को जमानत मिल गई। गैंगरेप के तीनों आरोपी भाजपा IT सेल से जुड़े थे। सरकार के मंत्री-विधायक समेत बड़े नेताओं के संपर्क में थे।


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