वाराणसी जिला एवं सत्र न्यायालय की विशेष कोर्ट ने बुधवार को 12 साल पुराने दहेज हत्या के मामले में फैसला सुनाया। दहेज के लिए ससुराल वालों की प्रताड़ना और हत्या में शामिल सभी नामजदों को कोर्ट ने दोषी करार दिया। कोर्ट ने साक्ष्य, गवाहों और पुलिस चार्जशीट के आधार पर सभी को सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश चतुर्थ (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने मृतका के पति रामजी सिंह, सास कृष्णा देवी, देवर भरत सिंह, विनय सिंह व श्यामजी सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने सभी हत्यारोपियों पर पांच-पांच हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। अदालत में वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह प्रिंस व अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी संतोष तिवारी व अपर्णा पाठक ने पैरवी की। अभियोजन के वकील ने बताया कि शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के मध्यमेश्वर मोहल्ला निवासी राजेश्वर सिंह की बड़ी बहन उदीशा की शादी उसी मोहल्ले के रामलोचन सिंह के बेटे रामजी सिंह के साथ 24 फरवरी 2012 को हुई थी। शादी के कुछ समय बाद से ही पांच लाख रुपए लाने के लिए उदीशा पर उसके ससुराल वाले दबाव बनाने लगे। शुरूआती दौर में बातचीत और ताना मिलता था बाद में विवाहिता के साथ मारपीट करने लगे। उदीशा के बताने पर उसके भाई ने अपने आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए पांच लाख रुपए देने में असमर्थता जताई, लेकिन रामजी सिंह और उसके घर वाले नहीं माने। ससुराल वालों द्वारा मारपीट किए जाने से व्यथित उदीशा 31 मार्च 2013 को दिन में भागकर अपने मायके आई और अपने ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा लिया। इस घटना से हतप्रभ राजेश्वर ने इलाज के लिए अपनी बहन को कबीरचौरा अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद कोतवाली में केस दर्ज कराया और पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर चार्जशीट दायर की।
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