वाराणसी की दालमंडी में शनिवार को फिर से मकान और दुकानें तोड़ने के लिए टीम पहुंच गई है। नगर निगम और पीडब्ल्यूडी टीम इस बार पैरामिलिट्री फोर्स भी है। जबकि शुक्रवार को दालमंडी में चौड़ीकरण का विरोध करने पर शुक्रवार को पुलिस ने एक सपा नेता को गिरफ्तार कर लिया। सपा नेता इमरान को पुलिस नई सड़क से खींचकर थाने ले गई। इस दौरान वह खुद को छोड़ने और बचाने की गुहार लगाता रहा। लेकिन, पुलिस ने एक नहीं सुनी। इमरान की गिरफ्तारी के बाद बड़ी संख्या में लोग जुट गए। लोग उसे छोड़ने का दबाव बनाने लगे, पुलिस भी पब्लिक के बीच घिर गई। हालांकि इसी बीच एक सिपाही की बाइक से इमरान को चौक थाने ले जाया गया। 2 तस्वीरें देखिए अब पढ़िए क्या था मामला जोन-3 के जोनल अधिकारी सौरभ देव प्रजापति ने 19 नवंबर को चौक थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने कहा था कि दालमंडी में सड़क चौड़ीकरण और भवन ध्वस्तीकरण का काम चल रहा था। लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन और अन्य कर्मचारी मौजूद थे। इनसे महिलाओं और युवकों के बीच नोकझोंक हुई। जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। हालात इतने बिगड़े कि पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा। वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने बताया कि ध्वस्तीकरण कार्रवाई में काजीपुरा कला निवासी मो. सालिम और इमरान उर्फ बबलू समेत अन्य महिलाओं को सरकारी कार्य में बाधा डालने का प्रयास किया। उस भवन के खिलाफ 6 मार्च 1984 को ही नोटिस जारी किया गया था। तब से अब तक भवन स्वामी की ओर से शमन मानचित्र भी नहीं जमा किया गया। पुलिस ने 2 नामजद युवकों और अन्य 30 अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज की थी। 187 मकानों को ढहाने के लिए चिह्नित किया
वाराणसी नगर निगम ने 187 मकानों को ढहाने के लिए चिह्नित किया है। इनके मालिकों को करीब 191 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाना है। इनमें 14 दुकानदारों ने मुआवजा लेने के बाद ध्वस्तीकरण की मंजूरी लिखित में दी है। सबसे पहले इनके ही मकान-दुकान गिराए जा रहे हैं। अब तक 2 ही मकान गिराए गए थे। दालमंडी को अंग्रेज ‘डॉलमंडी’ कहते थे। बॉलीवुड अभिनेत्री नरगिस की मां और एक्टर संजय दत्त की नानी जद्दनबाई यहीं से थीं। बनारस घराने के मशहूर तबलावादक लक्ष्मी नारायण सिंह यानी लच्छू महाराज का भी यहां से गहरा नाता था। अधिवक्ताओं का कहना है कि जब 31 मार्च को दालमंडी चौड़ीकरण के लिए शासन का आदेश आया, किसी अधिकारी ने व्यापारियों या स्थानीय लोगों से बातचीत नहीं की। सड़क के दोनों तरफ 3.2 मीटर का फुटपाथ बनेगा
वाराणसी की दालमंडी गली को मॉडल सड़क के रूप में विकसित किया जाना है। पीएम मोदी ने इसी साल अगस्त में इसका शिलान्यास किया था। राज्य सरकार की तरफ से इसके लिए 215.88 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। दालमंडी काशी विश्वनाथ मंदिर से महज 100 मीटर की दूरी पर है। जोकि काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट 4 के सामने हैं। दालमंडी के ले-आउट के मुताबिक, यह शहर की सबसे खूबसूरत सड़क होगी। इस सड़क को देखकर लोग दिल्ली और बंगलुरु की सड़कों को याद करेंगे। सड़क के दोनों तरफ हरियाली के लिए 3.2 मीटर का फुटपाथ भी बनाया जाएगा। अखिलेश यादव बोले- दालमंडी पॉलिटिकल डिमॉलिशन
सपा मुखिया और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने शुक्रवार को दालमंडी के व्यापारियों से लखनऊ में मुलाकात की। उन्होंने दालमंडी इलाके में चल रहे चौड़ीकरण और तोड़फोड़ को ने ‘पॉलिटिकल डिमॉलिशन’ करार दिया। उनका कहना था कि यह योजना इतिहास और धरोहर बचाने के नाम पर नहीं, बल्कि संकीर्ण सियासत की साजिश है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो कुछ हो रहा है, सब दर्ज किया जा रहा है। व्यापारियों, निवासियों के पक्ष में खड़े होकर कहा कि उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि दालमंडी वालों को दाल की तरह दले नहीं। अखिलेश ने मांग की कि डिमॉलिशन की कार्रवाई तुरंत रोकी जाए। अखिलेश ने भाजपा सरकार की नीति को लोगों को भयभीत कर कारोबार रोकने की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि सड़क चौड़ीकरण के नाम पर जनता को गुमराह किया जा रहा है। सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि किसी की जीविका छीनने का अधिकार सरकार को किसने दिया। वाराणसी में भी मेट्रो का डीपीआर उनकी ही सरकार ने तैयार किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने न तो वरुणा नदी को साफ होने दिया और न ही रिवर फ्रंट बनने दिया।
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