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लाखों के ड्रग्स के साथ 3 तस्कर गिरफ्तार:कानपुर की हाई सोसाइटी में करते थे सप्लाई, थाईलैंड से भारत लाया जा रहा था नशा

कानपुर में चकेरी पुलिस ने नशे के कारोबार का बड़ा खुलासा किया है। नशे की सप्लाई पॉश इलाकों में हाई सोसाइटी के युवक-युवतियों को की जा रही थी और इसके लिए उसने लाखों रुपए वसूले जा रहे थे। नशे का यह कारोबार ऑन डिमांड किया जा रहा था। जिसकी सूचना पुलिस को मिली थी। जिसके बाद तीनों को चकेरी थाना क्षेत्र के सुभाष नगर से गिरफ्तार किया गया है। तीनों किराए का फ्लैट लेकर रह रहे थे और नशे का कारोबार कर रहे थे। वाट्सएप ग्रुप के जरिए इन्हें डिमांड भेजी जाती थी, जिसके बाद यह स्कूटी से नशे की सप्लाई करते थे। पुलिस ने100.38 ग्राम टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल (टीएचसी) बरामद किया है। थाईलैंड से हो रहा था इंपोर्ट, 10 लाख कीमत पुलिस ने गैंग के कुनाल गुप्ता निवासी हरबंश मोहाल, चकेरी निवासी अर्जुन सिंह उर्फ ट्विंकल और हरजेंद्र नगर के रामगली निवासी मनीष उर्फ मन्नू को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने 100.38 ग्राम टीएचसी बरामद किया है। जिसकी कीमत लगभग 10 लाख रुपए है। इसके साथ 3.45 ग्राम कोकीन मिली है, जिसकी कीमत 20 हजार रुपए प्रति ग्राम तक होती है। इसके साथ ही एक पैकेट कोकीन, तीन क्रशर (टीएचसी के फूल को पीसने के लिए छोटी चक्की), नशीले पदार्थ को पैकिंग करने के लिए छोटी-छोटी पन्नियां, 25 हजार रुपये नगद, स्कूटी और तीन मोबाइल बरामद किए गए हैं। छोटी-छोटी पन्नियों में पैक करके विदेशी नशे को लोगों तक पहुंचाया जा रहा था। ऑन डिमांड नशे के कस्टमर युवतियां-महिलाएं पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि यह ऑन डिमांड नशा है, जो कस्टमर की डिमांड आने के बाद ही सप्लाई किया जाता था। इसकी डिमांड सबसे ज्यादा युवाओं की ओर से आ रही है। युवकों के साथ ही युवतियां और महिलाएं भी इसकी कस्टमर हैं। डिमांड आने पर ही माल की सप्लाई की जाती थी। वहीं कोचिंग मंडियों में पढ़ने वाले स्टूडेंट की ओर से भी नशे की डिमांड आती है। यही कारण है कि काकादेव कोचिंग मंडी में भी भारी संख्या में युवाओं को यह नशा सप्लाई किया जा रहा था। पुलिस अब इस मामले की जांच में जुटी हुई है। विदेशों में होता है इस्तेमाल, यूपी में दूसरा मामला पुलिस के अनुसार इस नशे का इस्तेमाल विदेशों में सबसे ज्यादा किया जाता है। इसके एक ग्राम की कीमत कानपुर में 2000 से 5000 रुपए तक होती है। टीएचसी का मामला उत्तर प्रदेश में दूसरी बार सामने आया है। वहीं कानपुर में टीएचसी मिलने का यह पहला मामला है। एसीपी ने बताया इस नशे का इस्तेमाल विदेशों में किया जाता है।यूपी में पहली बार टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल (टीएचसी) लखनऊ में पकड़ा गया था। अब दूसरी बार यह नशा कानपुर में पकड़ा गया है। आरोपियों के पूरे रैकेट की जांच की जा रही है और जल्दी ही इनके पूरे रैकेट को पकड़ा जाएगा। हर इलाके का अलग बना था ग्रुप पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की और उनके मोबाइल की जांच की। जिसमें सामने आया है कि आरोपियों के मोबाइल में हर इलाके का अलग वॉटसएप ग्रुप बना हुआ था। इसी ग्रुप में नशे की डिमांड आती थी, जिसके बाद आरोपी माल की सप्लाई देते थे। पुलिस को आरोपियो के पास से काकादेव, स्वरूप नगर, गोविंद नगर, सिविल लाइंस समेत शहर के इलाकों के ग्रुप मिले हैं। इसके साथ शहर की कई हाईफाई सोसाइटी, अपार्टमेंट में रहने वाली महिलाओं और स्टूडेंट के भी अलग ग्रुप मिले हैं। जिसमें कई हाई प्रोफाइल परिवार के लोगों के नंबर जुड़े मिले हैं। पुलिस को मिली चेन, गैंडलीडर की हो रही तलाश आरोपियों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने पूरे गैंग की कड़ियां तलाशना शुरू कर दिया है। पुलिस सूत्रों की माने तो पूछताछ में उन्हें इसकी चेन का पता चल गया है और जल्दी ही पुलिस टीमें गैंगलीडर तक भी पहुंच जाएंगी, जिसके बाद उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। विदेश से लौटने वालों में लत, पूल पार्टियों में सप्लाई आरोपियों ने बताया कि जो युवा थाईलैंड, सिंगापुर जैसे देशों में घूमने या पढ़ने जाते हैं। वहां उनमें इस नशे की लत तेजी से फैलती है। वापस लौटने पर उनमें ही इसकी डिमांड सबसे ज्यादा होती है। हाई सोसाइटी की पूल पॉर्टीज में भी इस नशे की डिमांड सबसे ज्यादा होती है। आरोपियों के जरिए ही शहर की कई पूल पार्टियों में इसकी सप्लाई की जा चुकी है। वॉट्सएप पर आती थी सूचना, फिर सप्लाई आरोपियों के पास वॉट्सएप ग्रुप में नशे की डिमांड आती थी। इसके साथ ही खरीददार की लोकेशन, उनकी गाड़ियों के नंबर आ जाते थे। जिसके बाद आरोपी स्कूटी से माल सप्लाई करने के लिए जाते थे। आरोपी ग्रुप में दिए हुए गाड़ी नंबर के पास पहुंचते थे, तो कार का गेट खुला मिलता था। स्कूटी से गया सप्लायर कार में नशीला पदार्थ डालने के बाद चला जाता है। कुछ देर बाद ऑर्डर करने वाला व्यक्ति नशीला पदार्थ निकाल लेता है और पेमेंट ऑनलाइन हो जाता है। खरीददारों से भी की जाएगी पूछताछ आरोपियों के पास से पुलिस को जो ग्रुप मिले हैं, उन ग्रुप में शामिल नंबरों से पुलिस हाई सोसाइटी में रहने वाले लोगों तक भी पहुंचेगी। आरोपियों से नशा खरीदने वालों से भी पूछताछ की जाएगी, जिससे कि यह पता लगाया जा सके कि और किन-किन जगहों से वह इस नशे की खरीददारी कर रहे थे। इस जांच में कई नामचीन लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं। हिंदुकुश की पहाड़ियों में मिलता है फूल आरोपियों ने पुलिस को बताया कि ये नशा हिंदुकुश की पहाड़यों से मिलने वाले एक फूल से तैयार किया जाता है। आरोपी इस फूल को इम्पोर्ट करके भारत मंगवाते हैं। भारत में आने के बाद यह यूपी में सप्लायरों तक पहुंचाया जाता है। आरोपी इसे छोटी चक्की नुमा मशीन में पीसते हैं। जिसके बाद एक-एक ग्राम की पुड़िया तैयार की जाती है, जो सप्लाई होती है। एक पुड़िया के लिए 2000-25000 रुपए तक वसूले जाते हैं। पूरे नेटवर्क का जल्द होगा खुलासा एसीपी सुमित रामटेके ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में काफी सुराग मिले हैं। जिससे जल्दी ही पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा। यूपी तक इस नशे को सप्लाई करने वाले गैंगलीडर तक भी पुलिस पहुंच जाएगी। उन्होंने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम के लिए जेसीपी (हेडक्वार्टर एंड क्राइम) विनोद कुमार की ओर से 25 हजार के पुरस्कार की घोषणा की गई है।


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