ललितपुर में मेडिकल कॉलेज का कॉर्डियोलॉजिस्ट फर्जी निकला। अमेरिका में बैठे अपने जीजा की डिग्री और आधार कार्ड पर करके नौकरी कर रहा था। वह ओपीडी के साथ कॉर्डियोलॉजी विभाग की जिम्मेदारी भी संभाल रहा था। डॉक्टर को प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपए वेतन भी दिया जा रहा था। यह खुलासा तब हुआ जब फर्जी कॉर्डियोलॉजिस्ट की बहन ने अधिकारियों से इसकी शिकायत की। बहन ने अपने भाई पर आरोप लगाते हुए शिकायत दी कि भाई के पास जो एमबीबीएस और एमडी की जो डिग्रियां हैं, वह उनके पति की हैं। बताया कि उसके पति अमेरिका में एक बड़े अस्पताल में काम करते हैं। बहन ने अधिकारियों को अपने भाई के खिलाफ कुछ कागज और सबूत भी दिए हैं। मांग की है कि इनका मिलान कर कार्रवाई की जाए। वहीं CMO डॉ. इम्तियाज खान ने बताया कि डॉक्टर का इस्तीफा हो चुका है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। डीएम सत्य प्रकाश ने भी बताया कि फर्जी डिग्री पर नौकरी की शिकायत मिली है, मामले की जांच कराई जा रही है। आरोपी डॉक्टर फरार है उसकी तलाश भी जारी है। जानिए क्या है पूरा मामला
ललितपुर के डैमरोड तालाबपुरा का रहने वाला अभिनव सिंह पिछले तीन सालों से मेडिकल कॉलेज में जिला सीसीयू एण्ड कैंसर केयर यूनिट में कर्डियोलजिस्ट एण्ड जनरल मेडिसिन के पद पर तैनात था। अभिनव सिंह की तीन बहनें हैं। दो बहनें अमेरिका में डॉक्टर हैं। जबकि एक बहन मुजफ्फरनगर में रहती है। अभिनव की बहन सोनाली सिंह और इनके पति राजीव गुप्ता दोनों अमेरिका के टेक्सास स्थित बेलटोन में इंटरवेशनल कार्डियोलाजिस्ट हैं। सोनाली सिंह ने बताया- भारत में किसी डॉक्टर ने मेरे पति राजीव का नाम गूगल पर सर्च किया तो उन्हें पता चला कि राजीव की तैनाती भारत में ललितपुर के मेडिकल कॉलेज में है। उन्होंने फोन करके हमें इसकी जानकारी दी। उस समय मैं अमेरिका में थी। मैंने भारत में कई लोगों से बातचीत की, कुछ जानकारियां जुटाई। जब मुझे मामले का पता चला तो मैं 6 दिसंबर को भारत आई। मेरे भाई अभिनव को जब मेरे आने का पता चला तो वह हॉस्पिटल से छुट्टी लेकर गायब हो गया। सोनाली सिंह ने बताया- जब वह तालाबपुरा वाले मकान पर गई तो वहां के सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें अंदर घुसने से मना कर दिया। लेकिन फिर जब मैंने बताया कि मैं अभिनव की बहन हूं तो मान गया। इसके बाद मैं मेडिकल कॉलेज गई। वहां मैंने प्रिंसीपल मयंक शुक्ला से इस मामले की शिकायत की। सोनाली सिंह के मुताबिक, अभिनव उनके पति राजीव गुप्ता के MBBS, MD की डिग्री और आधार कार्ड पर अभिनव अपनी फोटो लगाकर मेडिकल कॉलेज में फर्जी तरीके से नौकरी कर रहा है। सोनाली ने इसकी शिकायत CMO और DM से भी की। जानकारी होते ही डीएम ने मामले में जांच के आदेश दिए। इसके बाद 11 दिसंबर गुरुवार को रात करीब 11:30 बजे कोतवाली सदर में एसडीएम डॉ. रामनरेश सोनी की तहरीर पर अभिनव सिंह के खिलाफ FIR दर्ज हुई। पुलिस अब उसकी तलाश में जुट गई है। जब अभिनव को पकड़ने के लिए पुलिस ने उसकी तलाशी शुरू की तो पता चला, वह कि शिकायत से एक दिन पहले ही वह अस्पताल के व्हाट्सएप ग्रुप पर अपनी मां की मौत का हवाला देते हुए इस्तिफा देकर फरार हो चुका है। इसके बाद DM सत्यप्रकाश के निर्देश पर ADM अंकुर श्रीवास्तव ने CMO कार्यालय में पहुंचकर आरोपी से जुड़ी फाइलों और नियुक्ति प्रक्रिया की जांच की। रुड़की IIT से बीटेक, आईआरएस में चयनित ‘अभिनव’ सोनाली सिंह ने जांच कमेटी को बताया कि उनका भाई अभिनव सिंह आईटीआई रुढ़की से बीटेक पास है। इसके बाद 1992 में उसका भाई आईआरएस में चयनित हुआ था। उसको मद्रास में कस्टम आफीसर के पद पर तैनाती मिली थी। कुछ सालों बाद उसको मुंबई में कस्टम आफीसर बनाया गया। जहां उसने घोटाला किया था। उसको CBI ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल के छूटने के बाद उसने अपने बहनोई की डिग्रियां निकलवाईं और उनके नाम से अपना आधार आदि पहचान पत्र बनवा लिया। कैसे बना कार्डियोलॉजिस्ट अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2022 में स्वास्थ्य विभाग ने नेशनल हेल्थ मिशन के तहत कार्डियोलॉजिस्ट और जनरल मेडिसिन के पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। साक्षात्कार और शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच के बाद डॉ. राजीव गुप्ता को 7 नवंबर 2022 से मेडिकल कॉलेज में तैनाती मिली थी। वह ओपीडी के साथ कॉर्डियोलॉजिस्ट की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे। डॉक्टर को प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपए वेतन दिया जा रहा था। आरोपी ने नियुक्ति के समय जो दस्तावेज उपलब्ध कराए थे, उनके अनुसार उन्होंने 1991 में कोलकाता मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और 1996 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से एमडी की डिग्री हासिल की थी। भाई-बहने के बीच 25 करोड़ की जमीन का विवाद अभिनव और सोनाली सिंह के परिवार की मध्य प्रदेश में पुश्तैनी जमीन है। जिसको लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा है। जमीन की कीमत करीब 25 करोड़ा बताई जा रही है। अभिनव मूलरूप से मध्य प्रदेश के सागर जिला के खुरई कस्बे का रहने वाला है। ———————————————————————————————- ये खबर भी पढ़ेंः- फर्जी IAS होटलों में पार्टी करता, खर्च कारोबारी उठाते:गोरखपुर में गर्लफ्रेंड ने स्टेट्स लिखा- मिस यू; पड़ोसी बोले- कई काम कराए गोरखपुर में फर्जी IAS गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर अरेस्ट हो चुका है। पुलिस कस्टडी में 4 घंटे की पूछताछ में उससे 35 से ज्यादा सवाल पूछे गए। पुलिसवाले जानने की कोशिश करते रहे कि किसको, कहां ठगा? कितनी रकम वसूली? कितनी लड़कियों के टच में रहा? पढ़ें पूरी खबर…
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