ललितपुर में दो साल पूर्व हुए चर्चित किशन हत्याकांड में बुधवार को कोर्ट ने 4 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं दोषियों पर 35-35 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। सजा पाए आरोपियों में सगे भाई-बहन भी शामिल हैं। यह मामला कोतवाली सदर क्षेत्र के मोहल्ला नेहरू नगर का है। जहां किशन (26) की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 6 दिसंबर को हत्या का दोष सिद्ध होने के बाद एक महिला आरोपी गेंदाबाई ने कोर्ट परिसर में जहरीला पदार्थ खा लिया था। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। वहीं, एक अन्य आरोपी नंदलाल की मौत लगभग पांच माह पहले हो चुकी है। क्या था पूरा मामला अपर जिला एवं सहायक शासकीय अधिवक्ता संजीव लिटौरिया के अनुसार, नेहरू नगर निवासी पार्वती पत्नी मुन्नालाल ने पुलिस में तहरीर देकर बताया था कि 17 सितंबर 2023 को सुबह लगभग 11 बजे उनका पुत्र किशन मोहल्ले के टिन्नू और महेंद्र के साथ देखा गया था। दोपहर चार बजे नंदराम और अशर्फी उनके घर पहुंचे और गाली-गलौज करते हुए हत्या की धमकी दी। उन्होंने सुरेंद्र महाराज को बुलाकर हत्या की बात कही थी। शाम करीब 9 बजे जब किशन बाजार से लौट रहा था, तभी घर के बाहर शोर सुनकर परिजन बाहर आए। उन्होंने देखा कि सुरेंद्र, नंदराम, गेंदाबाई, अशर्फी उर्फ अप्पी, द्रोपाल और बबलू लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से किशन पर हमला कर रहे थे। किशन गंभीर रूप से घायल हो गया था। किशन के साथी उसे जिला अस्पताल लेकर गए, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने सभी आरोपियों के विरुद्ध हत्या सहित संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर विवेचना की और चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत की। बुधवार को हुई अंतिम सुनवाई में गवाहों, साक्ष्यों और चिकित्सीय रिपोर्टों को आधार मानते हुए न्यायाधीश विकास कुमार द्वितीय ने सुरेंद्र, अशर्फी, द्रोपाल, बबलू को हत्या के अपराध में आजीवन कारावास और प्रत्येक को 35 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त सुरेंद्र और द्रोपाल को दलित उत्पीड़न अधिनियम के तहत भी सजा दी गई है। मामले के दो आरोपी गेंदाबाई और नंदलाल की पहले ही मौत हो चुकी है। वर्तमान में सभी चारों दोषी जिला जेल में निरुद्ध हैं। बता दें कि अशर्फी और बबलू सगे भाई-बहन हैं।
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