लखनऊ भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के डेलिगेशन ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से मुलाकात की। प्रदेश महामंत्री रवीन्द्र त्रिपाठी प्रदेश चेयरमैन सुधीर यश हलवासीय की अध्यक्षता में ये मुलाकात हुई। प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री को मांग पत्र सौंपते हुए पूरे प्रदेश में GST पेनल्टी एवं ब्याज माफी योजना पुनः लागू करने का अनुरोध किया। मांग पत्र में कहा गया कि उत्तराखंड सरकार ने 2017-18, 2018-19 और 2019-20 से संबंधित GST पेनल्टी एवं ब्याज को मूल कर राशि जमा करने की शर्त पर माफ कर व्यापारियों को बड़ी राहत दी है। इससे वहाँ के छोटे, मध्यम उद्योगों को विशेष लाभ मिला है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि राहत देने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार हमेशा आगे रही है और अन्य राज्य उसकी नीतियों से प्रेरणा लेते हैं। इसलिए यहाँ सरकार को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। दंडात्मक शुल्क से व्यापारी परेशान व्यापार मंडल ने वित्त मंत्री को अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2025 में विभिन्न जिलों में लागू की गई GST ब्याज एवं पेनल्टी माफी योजनाओं से हजारों व्यापारियों को राहत मिली थी और अनुपालन दर में बड़ा सुधार हुआ था। वर्तमान में भी सूक्ष्म, लघु और कुटीर उद्यम तकनीकी त्रुटियों, डिजिटल चुनौतियों और अत्यधिक पेनल्टी-ब्याज के कारण कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। अधिकांश व्यापारी मूल कर राशि जमा करना चाहते हैं पर दंडात्मक शुल्क उनकी क्षमता से परे है। ‘माफी योजना से व्यापारियों को मिलेगी राहत’ प्रतिनिधिमंडल ने मांग किया है कि पूरे प्रदेश में एक समान माफी योजना लागू होने से व्यापारियों को राहत मिलेगी। साथ ही MSME व स्थानीय उद्योगों को स्थिरता, रोजगार सृजन को प्रोत्साहन और आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी। रवीन्द्र त्रिपाठी ने यह भी अनुरोध किया कि सचल दल के अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि वे छोटे मामलों में वाहन न रोकें और व्यापारियों को अनायास परेशान न करें। मांग पत्र देने वालों में मंडल कोषाध्यक्ष राकेश अग्रहरी, प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेंद्र अग्रहरी, उन्नाव जिला अध्यक्ष अखिलेश अवस्थी और जयप्रकाश मिश्र शामिल रहे।
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